अमेरिका में H-1B वीज़ा प्रोग्राम पर बहस छिड़ गई है। अमेरिकी नागरिकों का कहना है कि वह इसके चलते तकनीकी क्षेत्र में नौकरी पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कई अमेरिकी नागरिक, विशेषकर सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग जैसे फील्ड से जुड़े लोग चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि यह कार्यक्रम उन्हें नौकरी पाने में नुकसान पहुंचाएगा।
एच-1बी वीजा कार्यक्रम अमेरिकी नियोक्ताओं को विशेष क्षेत्रों में विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करने की अनुमति देता है। अमेरिकी नागरिकों पर इसके प्रभाव के बारे में सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गई है। अमेरिकियों का कहना है कि टेक्निकल फील्ड में एच-1बी वीजा धारकों पर अत्यधिक निर्भरता के कारण योग्य अमेरिकी कर्मचारियों के लिए नौकरी पाना कठिन हो गया है। अमेरिकी नागरिकों का कहना है कि अक्सर एच-1बी कार्यक्रम के तहत विदेशी टेक्नोक्रेट्स को दी जाने वाली वरीयता के कारण उन्हें नौकरी पाने में कठिनाई हो रही है।
क्या है H-1B वीजा प्रोग्राम?
एच-1बी वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करने की अनुमति देता है जिसके लिए आमतौर पर कम से कम स्नातक की डिग्री की आवश्यकता होती है। नियोक्ताओं द्वारा प्रायोजित यह वीजा शुरुआत में तीन सालों के लिए वैध होता है और इसे बढ़ाया जा सकता है। वीजा धारक इसके माध्यम से स्थायी निवास भी प्राप्त कर सकते हैं।
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सोशल मीडिया पर महिला ने जताई आपत्ति
सोशल मीडिया पर इसे लेकर छिड़ी बहस के बीच एक अमेरिकी नागरिक और सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल की पत्नी ने बताया है कि उसके पति को 30 सालों के अनुभव के बावजूद काम पाने में किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। महिला ने बताया कि उनके पति ने एक साल से ज्यादा समय तक कई साक्षात्कारों में केवल अस्वीकृति का सामना किया है। महिला का कहना है कि उनकी नजर में नियुक्ति प्रक्रिया दोषपूर्ण है जो अमेरिकी कर्मचारियों के विरुद्ध है।
महिला ने एक्स पर लिखा, “मेरे पति एक अमेरिकी नागरिक हैं और लगभग 30 साल के अनुभव वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। वे एक साल से ज़्यादा समय तक बेरोज़गार रहे। इस दौरान हर हफ़्ते उनके कई इंटरव्यू हुए लेकिन उन्हें कोई नौकरी का प्रस्ताव नहीं मिला। उन्हें ऐसे टेस्ट दिए गए जिनमें वे पूरी तरह पास नहीं हो पाए।” ट्वीट में आगे कहा गया, “यह पूरी प्रक्रिया एक घोटाला है। एचआर और इंटरव्यूअर गेटकीपर हैं। एच1बी वीज़ा को खत्म किया जाना चाहिए और केवल अमेरिकी नागरिकों को ही नियुक्ति संबंधी फैसले लेने चाहिए।”
H-1B वीजा प्रोग्राम को लेकर छिड़ी बहस
सोशल मीडिया पर एक यूज़र ने लिखा, “आप सही कह रहे हैं, इंटरव्यू सिर्फ़ दिखावे के लिए होते हैं, वे यह दिखाना चाहते हैं कि उन्हें पर्याप्त योग्य लोग नहीं मिल पा रहे हैं और भारत से और लोगों को लाने की मंज़ूरी नहीं मिल पा रही है। मैंने ऐसे कई मामले देखे हैं जहां किसी अमेरिकी को नौकरी से निकाल दिया जाता है और उसकी जगह भारत से कम योग्य व्यक्ति को रख लिया जाता है।” एक यूजर ने कहा, “अगर भर्ती करने वाला या हायरिंग मैनेजर भारतीय है तो अमेरिकियों के लिए शून्य संभावना है। शून्य संभावना।”
एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, “”मैं किसी को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता लेकिन हो सकता है कि आपके पति ने इन 30 सालों में अपनी प्रतिभा को निखारा न हो और इसलिए उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया हो। साथ ही उनके पास सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के आधुनिक युग में प्रतिस्पर्धा करने लायक कौशल भी नहीं हो।”