यूनान के लोगों ने बहुप्रतीक्षित जनमत संग्रह में अपनी सरकार का साथ देते हुए यूरोपीय कर्जदाताओं की शर्तों को मानने से सोमवार को इनकार कर दिया। वहीं जनमत संग्रह का परिणाम आने के बाद देश के वित्त मंत्री यानिस वरूफाकिस ने इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे को प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिपरस की ओर से अंतरराष्ट्रीय कर्जदाताओं को राहत के रूप में देखा जा रहा है।

वित्त मंत्री ने इस्तीफा देने की यह हैरान करने वाली घोषणा ऐसे समय में की है जबकि यूरोपीय संघ के नेता जनमत संग्रह पर अपनी प्रतिक्रिया की तैयारी कर रहे हैं। यूनान के ज्यादातर मतदाताओं ने इस ऐतिहासिक जनमत संग्रह में राहत पैकेज के बदले और मितव्ययी कदमों के खिलाफ जाते हुए ‘नहीं’ का विकल्प चुना। इस जनमत संग्रह के कारण यूनान को यूरो क्षेत्र से निकलना पड़ सकता है।

बीते कुछ महीनों में राहत पैकेज संबंधी वार्ताओं में अकसर वार्ताकारों से उलझने वाले वरूफाकिस ने अपने ब्लाग पर लिखा है- जनमत संग्रह के परिणामों के तुरंत बाद ही मुझे पता चला कि यूरो ग्रुप के कुछ भागीदार और चयनित भागीदार नहीं चाहते थे कि मैं इसकी बैठकों में रहूं। उन्होंने कहा- मैं वित्त मंत्रालय छोड़ रहा हूं।

मुखर माने जाने वाले वरूफाकिस के इस्तीफे के घोषणा के बाद यूरो में तेजी देखने को मिली। उनके इस्तीफे से यह उम्मीद फिर बंधी है कि यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी), यूरोपीय आयोग (ईसी) व अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) जैसे कर्जदाताओं को एक बार फिर बातचीत की मेज पर लाया जा सकेगा भले ही यूनान की जनता ने उनकी मांगों को खारिज कर दिया हो।

जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल की फ्रांसीसी नेता फ्रांस्वा ओलोंद के साथ पेरिस में बैठक होनी है। उसमें जनमत संग्रह के असर पर चर्चा होगी। इस तरह की कई और बैठकें भी होनी हैं। जनमत संग्रह को यूनान के प्रधानमंत्री सिपरस के लिए बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है।

यूरोपीय संघ के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने कहा है कि यूरो क्षेत्र आपात शिखर बैठक मंगलवार को होगी। सूत्रों के अनुसार यूरोपीय आयोग के प्रमुख ज्यां क्लाउद जंकर ने सोमवार को यूरोपीय केंद्रीय बैंक के प्रमुख मारियो दराघी व यूरो ग्रुप के प्रमुख जेरोइन दिजसेल्बलोएम से फोन पर बात की।

इस बीच जर्मन व फ्रांस के वित्त मंत्रियों की बैठक वारसा में होने जा रही है जबकि प्रमुख वित्तीय अधिकारियों के यूरो कार्य समूह की बैठक ब्रुसेल्स में होनी है। यूनान के जनमत संग्रह में 62.5 फीसद वोट पड़े जिनमें से 61.31 फीसद मतदाताओं ने ‘नहीं’ जबकि 38.69 फीसद ने ‘हां’ के पक्ष में मतदान किया।