गूगल के सीईओ भारतीय मूल के सुंदर पिचाई अब नई भूमिका में होंगे। गूगल के संस्थापकों ने उनकी गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट का मुख्य कार्यकारी (CEO) नियुक्त किया है। अब सुंदर पिचाई दुनिया की दिग्गज कंपनियों में से एक अल्फाबेट में निर्णायक भूमिका में होंगे।
1998 में गूगल की शुरुआत करने वाले लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने अल्फाबेट में अपना पद छोड़ दिया है। इन दोनों ने एक लंबा पत्र लिखकर अपने इस्तीफे की घोषणा की। इसके साथ ही इन दोनों ने अपनी जिम्मेदारी सुंदर पिचाई को सौंपने की जानकारी दी। गूगल ने साल 2015 में अपनी पेरेंट कंपनी अल्फाबेट बनाने की घोषणा की थी। इसका मकसद गूगल से जुड़े अन्य प्रोजेक्ट पर फोकस करना था।
पिचाई ने ट्वीट कर कहा कि वह अपनी नई भूमिका को लेकर उत्साहित हैं। 47 वर्षीय सुंदर पिचाई पिछले 15 साल से गूगल के साथ जुड़े हुए हैं। इन सालों के दौरान पिचाई का कद गूगल में काफी तेजी से बढ़ा है। पिचाई ने शुरू में गूगल टूलबार और गूगल क्रोम डेवलप करने में अहम भूमिका अदा की थी।
साल 2014 में गूगल ने उन्हें कंपनी के सभी प्रोडक्ट और प्लेटफॉर्म्स को लीड करने का मौका मिला। साल 2017 में उन्हें पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल किए गए थे। पिचाई के नेतृत्व में गूगल का सालाना एड रेवेन्यू पिछले तीन साल में 85 फीसदी बढ़ा है। अल्फाबेट के रेवेन्यू में भी गूगल एड की हिस्सेदारी 85 फीसदी है। कंपनी पिछले 15 तिमाही से लगातार मुनाफे में चल रही है।
सुंदर पिचाई का जन्म 1972 को मदुरै, तमिलनाडु में मिडिल क्लास फैमिली में हुआ था। उनका मूल नाम पिचाई सुंदरराजन है। उनके पिता रघुनाथ पिचाई इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे। सुंदर पिचाई ने 1993 में आईआईटी खड़गपुर से बैचलर डिग्री हासिल की। अमेरिका में उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर्स और वार्टन यूनिवर्सिटी से एमबीए किया। साल 2004 में उन्होंने गूगल में प्रोडक्ट और इनोवेशन ऑफिसर के रूप में अपनी नौकरी की शुरुआत की थी।
करीब 8 साल पहले पिचाई गूगल छोड़ने पर विचार कर रहे थे. ट्विटर ने 2011 में पिचाई को नौकरी का ऑफर किया था। हालांकि, गूगल ने उन्हें 305 करोड़ रुपये देकर रोक लिया था। 2004 में गूगल में नौकरी से पहले पिचाई सॉफ्टवेयर कंपनी एप्लाइड मैटिरियल्स और मैनेजमेंट कंसल्टिग कंपनी फर्म मैकेंजी में काम किया था।