दक्षिणी जर्मनी के एक बार के ठीक बाहर एक सीरियाई प्रवासी ने विस्फोट किया जिससे वह स्वयं मारा गया और 12 अन्य लोग घायल हो गए। यह बावेरिया में एक सप्ताह के भीतर हुआ तीसरा हमला है। अधिकारियों ने बताया कि 27 वर्षीय व्यक्ति कुछ समय मनोरोग संस्थान में रहा था। वह आंसबाख शहर में एक संगीत समारोह को निशाना बनाना चाहता था लेकिन उसके पास टिकट नहीं होने के कारण वह ऐसा नहीं कर पाया। क्षेत्रीय गृह मंत्री जाओचिम हेर्रमैन ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह तीसरा भीषण हमला है जिससे निश्चित ही लोगों में घबराहट बढ़ेगी।’ उन्होंने कहा कि जांचकर्ताओं ने इस बात से ‘इनकार नहीं किया है’ कि उसका कोई इस्लामवादी मकसद था।
हेर्रमैन ने कहा कि वह इस बात से चिंतित हैं कि गत सप्ताह हुई घटनाओं से ‘शरण का अधिकार कमजोर होगा’। जर्मनी में पिछले सप्ताह एक ट्रेन और एक शॉपिंग मॉल में हमले हुए थे। आंसबाख शहर के मध्य स्थित एक बार के बिल्कुल बाहर रविवार (24 जुलाई) रात करीब 10 बजे (भारतीय समयानुसार देर रात डेढ़ बजे) यह विस्फोट हुआ। यह जगह उस जगह से अधिक दूर नहीं है जहां कन्सर्ट के लिए 2000 लोग एकत्र हुए थे। पुलिस ने शहर के बीच स्थित इलाके को घेर लिया है और आपातकालीन सेवाएं घटनास्थल पर मौजूद हैं। बम विशेषज्ञ भी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि विस्फोट किस कारण हुआ।
आंसबाख के उप पुलिस प्रमुख रोमन फर्टिनगर ने कहा कि इस प्रकार के ‘संकेत’ हैं कि विस्फोटक उपकरण में धातु के टुकड़े मिलाए गए थे। पुलिस ने एक बयान में बताया कि विस्फोट में हमलावर मारा गया। एक महिला प्रवक्ता ने बताया कि इस विस्फोट में 12 लोग घायल हो गए जिनमें से तीन की हालत गंभीर है। हेर्रमैन ने बताया कि हमलावर दो वर्ष पहले जर्मनी आया था लेकिन शरण संबंधी अनुरोध एक वर्ष बाद अस्वीकार कर दिया गया था। उसने पहले भी दो बार आत्महत्या की कोशिश की थी और वह कुछ समय एक मनोरोग क्लीनिक में भी रहा था। यूरोप पिछले कुछ महीनों में कई घातक हमलों का शिकार हुआ है। इन हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह ने ली है। इन हमलों में ब्रसेल्स में हुए बम विस्फोटों और फ्रांस के नीस में बास्तील दिवस समारोह में हुए जनसंहार की घटना शामिल हैं।
हजारों सीरियाई शरणार्थियों के प्रवेश द्वार बावेरिया के म्यूनिख में शुक्रवार (22 जुलाई) को की गई गोलीबारी में नौ लोग मारे गए थे और बुएर्जबर्ग के निकट एक ट्रेन में कुल्हाड़ी से किए गए हमले में कई लोग घायल हो गए थे। पुलिस ने म्यूनिख पर हमला करने वाले डेविड अली सोनबोली के बारे में रविवार (24 जुलाई) को अधिक जानकारी जारी की और कहा कि 18 वर्षीय डेविड अवसादग्रस्त था और वह पिछले साल एक मनोरोग इकाई में दो महीने रहा था। किशोर पर सामूहिक हत्या करने का जुनून सवार था और उसने बंदूक से हमला करने की एक साल तक तैयारी की थी। इस हमले में नौ लोग मारे गए जिनमें अधिकतर विदेशी थे। मैकडॉनल्ड की एक शाखा पर किए गए इस हमले में कम से कम 35 लोग घायल भी हो गए थे। बाद में उसने नौ एमएम की अपनी ग्लॉक पिस्तौल से स्वयं को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। जांचकर्ताओं ने इस हमले का संबंध जिहादियों से होने की संभावना से इनकार किया है।