Scotland : स्कॉटलैंड (Scotland) की संसद में तीखी बहस और दलों के आपसी संघर्ष के बीच लिंग पहचान सुधार विधेयक पारित हो गया है। इस विधयेक ने उन लोगों को कानूनी मान्यता दे दी है जो लिंग परिवर्तन कराना चाहते थे। इन नए नियमों के बाद लिंग पहचान प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने की आयु घटाकर 16 वर्ष हो गयी है। लेकिन वेस्टमिंस्टर सरकार का कहना है कि उसे कानून को लेकर चिंता है और वह अभी भी इसे कानून को लागू होने से रोक सकती है।

समर्थन और विरोध के नारों के बीच पारित हुआ विधेयक

स्कॉटलैंड (Scotland) की संसद में परिणाम घोषित होते ही सार्वजनिक दीर्घा में प्रदर्शनकारियों की ओर से ‘शर्म करो’ के नारे लगने लगे। ठीक इस ही दौरान विधेयक के समर्थकों की ओर से सदन में जोर-जोर से खड़े होकर समर्थन के नारे भी सुनाई देने लगे।

यूके सरकार का कहना है कि उसे कानून को लेकर चिंता है और वह रॉयल एसेंट को रोककर इसे कानून बनने से रोकने की कोशिश कर सकती है। स्कॉटलैंड (Scotland) की संसद में जब बिल पास होता हैं तो बिल को राजा द्वारा औपचारिक सहमति मिल जाती है और यह स्कॉटिश संसद का अधिनियम बन जाता है।

लंबे संघर्ष की जीत, इंतेजार खत्म हुआ

विधेयक के समर्थन में मौजूद लोगों ने कहा कि हमारे जीवन को आसान बनाने के लिए इस कदम का लंबे समय से इंतेजार था। यह हमें गरिमा और मान्यता के साथ जीने की अनुमति देगा, जिसके सभी हकदार हैं।

स्कॉटिश ट्रांस मैनेजर विक वेलेंटाइन ने कहा कि कानून में बदलाव का मतलब होगा कि ट्रांस पुरुष और महिलाएं जन्म प्रमाण पत्र दिखाने में सक्षम होंगे जो दर्शाता है कि वे कौन हैं। हम हमारी पहचान के साथ जी सकते हैं। लेकिन कई लोगों ने इस विधेयक के पारित होने के बाद चिंता जताते हुए कहा है कि यह असमानता को बढ़ावा देने वाला फैसला होगा।