भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका एक बार फिर से हिंसा की चपेट में है। आमलोगों के साथ खिलाड़ी भी हिंसा से बेहद दुखी हैं और इसमें संलिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान माहेला जयवर्धने ने हिेंसक घटनाओं पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पूर्व दिग्गज बल्लेबाज ने ट्वीट किया, ‘मैं हिंसक घटनाओं की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। इसमें शामिल प्रत्येक व्यक्ति को न्याय के कठघरे में लाना चाहिए, फिर चाहे वे किसी भी जाति, धर्म या समुदाय के क्यों न हों। मैं ऐसे समय पला-बढ़ा जब देश सिविल वॉर के दौर से गुजर रहा था। यह लगातार 25 वर्षों तक चला था। मैं नहीं चाहता कि आने वाली पीढ़ी वैसे ही हालात से गुजरे।’ एक व्यक्ति ने ट्वीट किया, ‘एक महान क्रिकेटर के तौर पर मैं हमेशा आपसे प्यार करता रहा। लेकिन, मेरी समझ में आप एक बेहतरीन इंसान भी हैं।’ दिलशाद तुवान ने लिखा, ‘अफसोस है कि लोग हकीकत को समझ नहीं पा रहे हैं।’ जमीर ने ट्वीट किया, ‘आपको सलाम! मैं वास्तव में बहुत खुश हूं कि आपने हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई।’ अबूबकर इलमुद्दीन ने लिखा, ‘आप श्रीलंकाई प्रशंसकों माध्यम से हिंसा करने वालों के बीच क्यों नहीं जागरूकता फैलाते हैं। हमलोगों को सभी समुदायों और भावी पीढ़ी के लिए देश को बचाना होगा।’
I strongly condemn the recent acts of violence & everyone involved must be brought to justice regardless of race/ religion or ethnicity. I grew up in a civil war which lasted 25 years and don’t want the next generation to go through that.
— Mahela Jayawardena (@MahelaJay) March 7, 2018
Wonderful, suggest you use your significant social and political clout to address people on this.
— Yudhanjaya Wijeratne (@yudhanjaya) March 7, 2018
A sublime cricketer, brilliant captain and genuine man. Bravo! About time someone with guts and no personal agenda spoke out strongly on these issues. Perhaps if our Prime Minister and President had played more sports and less politics they would be better leaders.
— Jesus Shuttlesworth (@JesusSkittleswo) March 7, 2018
Standing salute to U Sir, Really Happy to see You raising Ur Voice against violence , Many here in #India don't raise bcoz of hypocrisy
— ZameerDa (@zameerda) March 7, 2018
कैंडी में बौद्ध की हत्या के बाद भड़की थी हिंसा: कैंडी में बौद्ध और मुस्लिम समुदायों के बीच हिंसा भड़कने के बाद सरकार को राष्ट्रव्यापी आपातकाल की घोषणा करनी पड़ी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कैंडी जिले के मेडामहानुवारा निवासी एमजी कुमारसिंघे की मौत के बाद हिंसा भड़क गई थी। कुमारसिंघे बौद्ध समुदाय के थे। उन पर नशे में धुत कुछ मुस्लिम युवाओं ने हमला कर दिया था। बताया जाता है कि स्थानीय मुस्लिम और बौद्ध समुदाय के धार्मिक नेताओं के हस्तक्षेप से मामले को शांतिपूर्वक सुलझा लिया गया था। पीड़ित परिवार को मुआवजा भी दिया गया था। इसके साथ ही हमलावरों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया। लेकिन, 5 मार्च को टेलडेनिया इलाके में अचानक से हिंसा भड़क उठी थी। सिंहली समुदाय के लोगों ने मुसलमानों के दुकानों में आग लगा दी थी। मुस्लिम समुदाय के घरों और मस्जिदों को भी निशाना बनाया गया था। इसके बाद देश के कई इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी। इसे देखते हुए श्रीलंका सरकार को राष्ट्रव्यापी आपात लगाने की घोषणा करनी पड़ी।