दुनिया में पहली बार पूर्ण सूर्य ग्रहण का वीडियो शूट कब हुआ और कैसा था उस दौरान नज़ारा? इन सवालों का जवाब भी खगोलशास्त्रियों ने तलाश लिया है। 28 मई 1900 को हुए सूर्य ग्रहण की तस्वीर नॉर्थ कैरोलिना में ब्रिटिश जादूगर एवं अपने समय के उभरते फिल्म निर्माता नेविल मास्किलिन ने खींची थी। अब 119 साल बाद उस फिल्म को डेवलप कर वीडियो दुनिया के सामने जारी कर दिया गया है।
आज हम किसी भी खगोलीय घटना का आसानी से इमेज या वीडियो शूट कर लेते हैं। पर 119 साल पहले तकनीक हमारे पास ऐसी नहीं थी। सोचना भी संभव नहीं था लेकिन उस दौरा में भी नेविल ने अटलांटिक को पार करते हुए नॉर्थ कैरोलिना में सन 1900 में सूर्य ग्रहण को रिकॉर्ड किया था। नेविल जादूगर के अलावा सिनेमेटोग्राफर भी थे। वह खुद को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जीना और दुनिया को दिखाना चाहते थे इसलिए उन्होंने सूर्यग्रहण को भी बेहतरीन अंदाज में दुनिया के सामने पेश करने की ठानी।
2 जुलाई को होगा पूर्ण सूर्य ग्रहण
आपको बता दें कि 2 जुलाई, 2019 को एक बार फिर से सूर्य और धरती के बीच चांद आएगा और ग्रहण काल आएगा। आकाश में होने वाली इस ऐतिहासिक खगोलीय घटना को लेकर सभी खगोलीय शास्त्री तैयारियों में जुटे हैं। ये पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। इस सूर्यग्रहण का समय रात 11 बजकर 31 मिनट से 2 बजकर 15 मिनट तक लगेगा।
1900 फिल्मों से मिलकर बनाया गया वीडियो
ब्रिटेन की रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी के संग्रहालय में नेविल के द्वारा खीचीं गईं सूर्य ग्रहण की 1900 फिल्में सुरक्षित रखी थीं। वैज्ञानिकों ने इन्हीं फिल्मों को जोड़कर एक वीडियो बनाया और दुनिया के सामने जारी किया। सोसायटी के अध्यक्ष माइक क्रूज ने बताया कि वैज्ञानिक इतिहास का आज के समय में सामने आना एक सुखद एहसास है। खगोल विज्ञानी नए तकनीकों को जानने के इच्छुक रहते हैं और एक शताब्दी पूर्व हमारे पूर्वज भी इस सोच से इतर नहीं थे।
पहली तस्वीरें तो भारत में ही ली गईं थीं
संग्रहालय से मिली जानकारी के मुताबिक सन 1900 में नॉर्थ कैरोलिना में पूर्ण सूर्य ग्रहण की तस्वीर लेने से दो साल पहले वह भारत भी आए थे। 1898 में मास्किलिन ने भारत में पूर्ण सूर्य ग्रहण की तस्वीरें ली थीं लेकिन वापसी से पहले ही उस दौर में उनकी फिल्म चोरी हो गई। वरना आज दुनिया के सामने भारत में हुए पूर्ण सूर्य ग्रहण की तस्वीर और वीडियो होता।
शूटिंग के लिए खास टेलिस्कोप इस्तेमाल हुआ
सोसायटी ने जानकारी दी कि ग्रहण की तस्वीर लेने का असाधारण कार्य इतना आसान नहीं था। मास्किलिन को अपने कैमरा के लिए एक खास तरीके का टेलिस्कोपिक अडैप्टर बनाना पड़ा ताकि घटनाक्रम को कैद किया जा सके। ये मस्किलिन द्वारा ली गई इकलौती तस्वीर है जो अब तक सहेज कर रखी गई हैं।
ये है दुनिया की सबसे पुरानी खगोलीय खोज
खूबसूरत होने के साथ ही यह सबसे पुरानी पुरालेख संबंधित खोज है। यह कहना है शाही खगोलीय समाज के खगोलीय पुरातत्व कमिटी के अध्यक्ष जोशुआ नाल का। ब्रिटिश फिल्म संस्थान के सरंक्षण विशेषज्ञों ने हर एक फुटेज को फ्रेंम दर फ्रेंम जांचा, उन्हें पुनः इकट्ठा किया और विक्टोरियन फिल्म संग्रह के हिस्से के रूप में रिलीज़ किया।