यूरोपीय सांसदों ने रविवार (26 जून) को ब्रिटिश से इस सप्ताह एक शिखर सम्मेलन के दौरान यूरोपीय संघ छोड़ने की औपचारिक कार्यवाही शुरू करने का आग्रह किया वहीं जर्मनी ने कहा है कि अपने वोट के असर पर फिर से विचार के लिए देश को वक्त दिया जाना चाहिए।
यूरोपीय संघ से बाहर होने की समयसीमा को लेकर भ्रम और असंतोष के बीच मार्टिन शुल्ज ने एक जर्मन अखबार ‘बिल्ड ’ से कहा कि ब्रेक्जिट के एक अवधि तक अधर में रहने के कारण अधिक असुरक्षा की स्थिति पैदा हो सकती है, जिससे नौकरियों पर खतरा पैदा हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसको लागू करने में हिचकिचाहट सबके लिए नुकसानदायक हो सकती है।
शुल्ज ने कहा, ‘इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि ब्रिटिश सरकार अब जल्द कदम उठायेगी । मंगलवार (28 जून) को होने वाला शिखर सम्मेलन सही समय होगा।’ हालांकि जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल के चीफ ऑफ स्टाफ ने कहा कि ब्रिटेन को बाहर करने को लेकर कोई हड़बड़ी नहीं है। पीटर अल्टमायर ने आरएनडी मीडिया समूह से कहा, ‘लंदन में राजनीतिक नेतृत्व को बाहर जाने के नतीजों के बारे में सोचने के लिए एक मौका मिलना चाहिए।’ बाद में उन्होंने एक बयान में साफ किया कि वह जनमत संग्रह के नतीजों को परे रखने का सुझाव नहीं दे रहे।
जर्मनी के एक अन्य अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक यूरोपीय संसद के चार सबसे बड़े समूहों ने एक प्रस्ताव का मसौदा भी तैयार कर लिया है जिसमें कैमरन से मंगलवार (28 जून) को ब्रेक्जिट की कार्यवाही शुरू करने का आह्वान किया गया है। समूह ने ‘सभी के लिए हानिकारक अनिश्चितता से बचने और संघ की अखंडता की रक्षा के लिए’ इसे अहम बताया। ब्रेक्जिट को लेकर हुए जनमत संग्रह के आश्चर्यजनक परिणाम के बाद कैमरन ने शुक्रवार (24 जून) को कहा था कि वह अक्तूबर में अपने पद से त्यागपत्र दे देंगे और कथित ‘ब्रेक्जिट’ पर फैसला अपने उत्तराधिकारी पर छोड़ देंगे।