फ्रांस में हुए चुनाव सुधार विधेयक पर उठा विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इसी के विरोध में न्यू कैलेडोनिया में हुए दंगों को देखते हुए फ्रांस की सरकार ने देश में आपातकाल लगाने की घोषणा कर दी है।
इस आपातकाल में सभाओं पर रोक लगाने और फ्रांस में रहने वाले लोगों को फ्रांसीसी शासित द्वीप के आसपास घूमने से रोकने की अधिकारियों को अतिरिक्त शक्तियां मिली हुई हैं। यह आपातकाल फ्रांस के समयानुसार सुबह 5 बजे लागू हुआ है। न्यू कैलेडोनिया दंगों में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसमें से तीन फ्रांस के नागरिक जबकि एक पुलिस अधिकारी शामिल हैं।
राजधानी परिस में लगा कर्फ्यू
फ्रांस के न्यू कैलेडोनिया में हुए दंगों में दंगाइयों ने वाहनों और दुकानों को लूटने के बाद आग लगा दी है। इस दंगों के बाद 1800 पुलिस और 500 से अधिक अधिकारियों को द्वीप पर भेजा गया है। स्कूल बंद कर दिए गए हैं। इसका अलावा फ्रांस की राजधानी पेरिस में कर्फ्यू पहले से ही लगा हुआ है।
इस वजह से भड़की हिंसा
बीते मंगलवार को फ्रांस के सांसदों द्वारा पेरिस में एक विधेयक अपनाया गया। इस विधेयक में फ्रांस के न्यू कैलेडोनिया में पिछले 10 वर्षों से रहने वाले फ्रांसीसी लोगों को वहां के राज्य चुनाव में भाग और मतदान करने की अनुमति देता है। इस विधेयक के बाद से ही विरोध शुरू हुआ। वहीं इस विरोध के पीछे मुख्य वजह ये बताई जा रही है कि वहां के स्थानीय नेताओं को इस बात का डर है कि इस विधेयक से उनका वोट बैंक कमजोर हो जाएगा।
वहीं इस आपातकाल को लेकर फ्रांस के प्रधानमंत्री गेब्रियल एटल ने कहा है कि देश में कोई भी हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एटल ने ये भी कहा कि आपातकाल की स्थिति को सामान्य करने के लिए हम बड़े पैमाने पर उपाय करेंगे।