पूर्वी लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो में कम से कम 42 नागरिक मारे जा चुके हैं। एक स्थानीय अधिकारी के मुताबिक, सरकार का कहना है कि इस क्षेत्र में हुए सैन्य अभियानों का बदला लेने के लिए यह नरसंहार किया गया है। शनिवार (13 अगस्त) को हुए इस नरसंहार के बाद देश में तीन दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित कर दिया गया है। देश में 2014 के बाद बेनी शहर में अशांति का माहौल है और लगातार हो रही हिंसा की घटनाओं में यहां 600 लोगों की हत्या हो चुकी है। बेनी के मेयर एडमंड मोजुमबुको ने कहा कि कम से कम 42 लोगों की मौत इस नरसंहार में हो चुकी है। सरकार ने पहले मरने वालों की संख्या 36 बताई थी।

आर्मी के प्रवक्ता मैक हाजुके ने बताया है कि हमला यूगांडा मूल के एक इस्लामी सशस्त्र समूह अलाइड डेमोक्रेटिक फोर्सेज ने किया है। यह समूह लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो में करीब दो दशक से मौजूद है और इस समूह पर मानवाधिकार हनन करने का आरोप है। स्थानीय मानवाधिकार कार्यकर्ता जैक्सन कारेसेका ने बताया कि लोग इस घटना के बाद काफी गुस्से में हैं और विरोध जता रहे हैं। यहां के एक टैक्सी ड्राइवर जॉर्ज कामते ने कहा ‘पुलिस सिर्फ लोगों की लाशें ले गई है। हमलोग विरोध करना जारी रखेंगे, वे हमारा इस तरह से संहार नहीं कर सकते हैं।’ प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि सरकार उन्हें सुरक्षा देने में नाकाम है।