राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सात देशों के नागरिकों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने के बाद एक ईरानी नागरिक को अमेरिका में प्रवेश नहीं दिया गया और लॉस एंजिलिस से वापस भेज दिया गया लेकिन एक न्यायाधीश के आदेश के बाद उसे वापस बुलाया गया, जिसके साथ ही प्रतिबंध के बाद देश में लौटने वाला वह पहला व्यक्ति बन गया है। अली वायघान अपने परिवार से मिलने के लिए बीते 12 वर्षों से अमेरिका आने का इंतजार कर रहा था। जब वह लॉस एंजिलिस पहुंचा तो भाई, भतीजे और समर्थकों की भीड़ से मिला जो नारे लगा रहे थे, ‘यह आपकी धरती है।’

61 वर्षीय अली ने फारसी में कहा, ‘यह इंसानियत है, यह मानवीय अधिकार हैं, मैं हैरत में हूं और सम्मानित महसूस कर रहा हूं।’ उन्होंने कहा, ‘यह दुनिया का महानतम देश है।’ पिछले शुक्रवार (30 जनवरी) को ग्रीन कार्ड रखने वाले अली को लॉस एंजिलिस पहुंचने के बाद जबरन दुबई जाने वाले विमान में बैठ दिया गया था। इससे कुछ समय पहले, ट्रंप ने सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया था जिसमें ईरान भी शामिल है।

अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन और एक आव्रजन अधिवक्ता की तत्काल अर्जी पर सुनवाई करते हुए एक संघीय न्यायाधीश ने आदेश पर अस्थायी रोक लगाते हुए अली को देश में आने की इजाजत दी। हालांकि जब तक आदेश आया अली को आव्रजन अधिकारी संयुक्त अरब अमीरात भेज चुके थे। बाद में न्यायाधीश ने अपने आदेश में संशोधन करते हुए अमेरिकी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह अली की अमेरिका में वापसी सुनिश्चित करें।

इससे पहले मुस्लिम बहुल सात देशों के आव्रजन पर अमेरिकी प्रतिबंध को लेकर हो रही आलोचनाओं के बीच व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शीर्ष प्राथमिकता किसी धर्म को निशाना बनाना नहीं, बल्कि अमेरिका की सुरक्षा करना है। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने संवाददाताओं से बुधवार (1 फरवरी) को कहा, ‘राष्ट्रपति का पहला लक्ष्य हमेशा से ही अमेरिका की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करना रहा है, न कि धर्म पर।’ स्पाइसर ने कहा, ‘राष्ट्रपति समझते हैं कि यह धार्मिक समस्या नहीं है। यह कट्टरता की समस्या है। इस्लाम और हमें नुकसान पहुंचाने के लिए यहां आने वाले कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवादियों के बीच बहुत बड़ा अंतर है।’

प्रेस सचिव एक ऑडियो रिकॉर्डिंग से संबंधित प्रश्न का जवाब दे रहे थे जिसमें व्हाइट हाउस के प्रमुख रणनीतिकार स्टीव बैनन यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि इस्लाम ‘अंधकार से भरा धर्म’ है। स्पाइसर से पूछा गया था, ‘क्या राष्ट्रपति भी इस्लाम धर्म के मामले में अपने प्रमुख रणनीतिकार के विचारों से सहमत हैं?’ इस पर प्रेस सचिव ने कहा, ‘नहीं, मैं मानता हूं कि राष्ट्रपति इस मामले में बिल्कुल स्पष्ट हैं कि उनका प्रमुख लक्ष्य किसी के धर्म को निशाना बनाना नहीं हैं, बल्कि उनका लक्ष्य उन जगहों और क्षेत्रों को निशाना बनाना है जहां हमारे अनुसार समस्या है।’