अमेरिका के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत चुके डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार (22 दिसंबर) को परमाणु बम पर ट्वीट करके सबको चिंता में डाल दिया। ट्रंप ने ट्वीट में लिखा, ‘युनाटेड स्टे्स को गर्व के साथ तबतक अपनी परमाणु शक्ति को बढ़ाते रहना चाहिए जबतक दुनिया की परमाणु के बारे में आंखें ना खुल जाएं।’ ट्रंप का यह कमेंट असल में रूस के राष्ट्रपति वल्दामीर पुतिन के ट्वीट का जवाब था। पुतिन ने अपने ट्वीट में कहा था कि अगले साल में रूस अपने परमाणु हथियार की शक्तियों को बढ़ाने की तरफ ध्यान देगा। ट्रंप का यह बयान चिंता में इसलिए भी डालता है क्योंकि ट्वीट के एक दिन पहले ही यानी बुधवार को ही वह पेंटागन और रक्षा क्षेत्र के कुछ अधिकारियों से मिले थे। अगर ट्रंप ने सच में राष्ट्रपति बनने के बाद परमाणु हथियारों को बढ़ाते हैं तो उनका यह फैसला बराक ओबामा की रणनीति के बिल्कुल उल्टा होगा। 2009 में ओबामा ने साफ किया था कि यूएस परमाणु हथियार बनाने की होड़ को खत्म करने की दिशा में काम करेगा।
हालांकि, ऐसा भी नहीं है कि ओबामा के कहने के बाद अमेरिका परमाणु क्षेत्र में सक्रीय था ही नहीं। यूएस अब भी अपने परमाणु हथियारों को अपग्रेड करने का काम करता है। इस साल ही रक्षा सचिव एशटॉन कार्टर ने बताया था कि यूएस अपनी परमाणु क्षमता को बनाए रखने और उसके विकास के लिए अगले पांच सालों में $108 बिलियन डॉलर खर्च करेगा।
सेंटर फॉर आर्म्स कंट्रोल एंड नॉन-प्रोलिफरेशन के कार्यकारी निदेशक और 18 साल तक कांग्रेस के सदस्य रह चुके जॉन टियरने ने कहा, ‘‘महज 140 अक्षरों का इस्तोमाल कर अमेरिका में एक बड़े बदलाव की घोषणा कर देना नव निर्वाचित राष्ट्रपति के लिए खतरनाक है। परमाणु हथियार नीति बारीक, जटिल है और यह इस ग्रह के हर व्यक्ति को प्रभावित करती है।’’
डोनाल्ड ट्रंप ने इसी साल हिलेरी क्लिंटन को हराकर अमेरिका के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीते हैं। वह 2017 में शपथ लेंगे। डोनाल्ड ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी के हैं और हिलेरी डेमोक्रेट की हैं। बराक ओबाम डेमोक्रेटिक पार्टी से हैं।