बांग्लादेश की राजधानी ढाका के उच्च सुरक्षा वाले राजनयिक क्षेत्र के एक लोकप्रिय रेस्तरां में बंधक संकट शनिवार (2 जुलाई) को खत्म हो गया, जहां आईएसआईएस के आतंकवादियों के निर्मम हमले में 20 विदेशी नागरिकों की हत्या कर दी गई। मारे गए लोगों में एक भारतीय लड़की भी शामिल है। द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, उसकी पहचान 19 वर्षीय तारिषी जैन के तौर पर हुई है। अफसरों के मुताबिक, वह एक युवा लड़की थी। हालांकि, पुलिस ने और ज्यादा जानकारी नहीं दी है।
I am extremely pained to share that the terrorists have killed Tarushi, an Indian girl who was taken hostage in the terror attack in Dhaka.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 2, 2016
I have spoken to her father Shri Sanjeev Jain and conveyed our deepest condolences.The country is with them in this hour of grief.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 2, 2016
बांग्लादेशी कमांडो ने छह आतंकवादियों को भी मार गिराया और एक को जिंदा पकड़ लिया। सैन्य अभियान महानिदेशक ब्रिगेडियर जनरल नईम अशफाक चौधरी ने बताया कि सशस्त्र बलों के नेतृत्व में साझा अभियान शुरू होने से पहले ही आतंकवादियों ने 20 बंधकों की निर्मम हत्या कर दी। जिन लोगों को मौत के घाट उतारा गया उनमें से ज्यादातर का गला काटा गया था।
The attack in Dhaka has pained us beyond words. I spoke to PM Sheikh Hasina & strongly condemned the despicable attack.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 2, 2016
India stands firmly with our sisters & brothers of Bangladesh in this hour of grief.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 2, 2016
चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, ‘आर्मी पैरा कमांडो यूनिट-1 ने अभियान का नेतृत्व किया और 13 मिनट के भीतर छह आतंकवादी मारे गए।’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने बंधक संकट खत्म करने के लिए सेना को दखल देने का निर्देश दिया, जिसके बाद ‘ऑपरेशन थंडरबोल्ट’ अभियान शुरू किया गया। मारे गए सभी 20 बंधक विदेशी नागरिक थे, जिनमें ज्यादा जापानी या इतालवी हैं। शुक्रवार (1 जुलाई) रात गोलीबारी शुरू होने के बाद दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मारे गए थे।
12 घंटे में बांग्लादेशी कमांडोज ने खत्म किया मिशन, क्या ढ़ाका जैसे हमले के लिए तैयार है भारत?
चौधरी ने कहा कि होले आर्टिजन बेकरी के परिसर में तलाशी के दौरान इन विदेशी नागरिकों के शव बरामद किए गए। शवों को पोस्टमार्टम और उनकी पहचान की पुष्टि के लिए संयुक्त सैन्य अस्पताल भेजा गया है। बंधक संकट खत्म होने के बाद बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बांग्लादेश से ‘आतंकवादियों और हिंसक चरमपंथियों का सफाया करने’ के लिए सबकुछ करने का संकल्प लिया।
ढाका में सबसे बड़ेे आतंकी हमलेे में मारे गए 20 लोग, 12 घंटे बाद 6 आतंकी ढेर
हसीना ने टेलीविजन पर दिए अपने संबोधन में कहा, ‘यह बहुत भयावह कृत्य है। ये लोग किस तरह के मुसलमान हैं? उनका कोई धर्म नहीं है।’ आतंकवादियों की मुस्लिम पहचान को लेकर सवाल करते हुए हसीना ने कहा, ‘उन्होंने रमजान की तरावीह (खास नमाज) के असल संदेश का उल्लंघन किया और लोगों की हत्या है। जिस तरह से उन्होंने लोगों की हत्या की वह बर्दाश्त करने योग्य नहीं है। उनका कोई धर्म नहीं है, आतंकवाद ही उनका धर्म है।’ हसीना के साथ सेना प्रमुख जनरल अबू बिलाल मुहम्मद शफीउल हक भी मौजूद थे।
हसीना ने कहा, ‘मौके से कोई आतंकी फरार नहीं हो पाया। छह आतंकवादियों को मौके पर ही मार दिया गया और एक को जीवित पकड़ लिया गया।’ जिहादी गतिविधियों पर ऑनलाइन नजर रखने वाले अमेरिका स्थित एसआईटीई खुफिया समूह ने बताया कि आतंकी गुट इस्लामिक स्टेट ने इस हमले के करीब चार घंटे बाद अपनी समाचार एजेंसी अमाक के माध्यम से इसकी जिम्मेदारी ली। बाद में उसने रेस्तरां के भीतर की कई तस्वीरें जारी की। इन तस्वीरों में रेस्तरां के भीतर खून से लथपथ शव देखे जा सकते हैं।
अमाक का दावा है कि ‘आईएसआईएस के कमांडो’ द्वारा किए गए इस हमले में 24 लोग मारे गए हैं। सुरक्षा बल शनिवार (2 जुलाई) को जब कैफे के अंदर दाखिल हुए तो सुबह करीब 7:40 बजे (स्थानीय समयानुसार) गोलीबारी और विस्फोट की आवाजें सुनी गईं। कार्रवाई के पहले आधे घंटे में करीब 1000 राउंड गोलियां चलीं और लगभग 100 धमाकों की आवाज भी सुनी गई।
हसीना ने कहा, ‘आतंकवादियों के रेस्तरां पर हमला करने के तत्काल बाद हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने तेजी से प्रतिक्रिया जताई। जब कार्रवाई शुरू होने वाली थी, उसी समय दो पुलिस अधिकारी मारे गए।’ उन्होंने कहा कि हालात ऐसे बने कि प्रशासन को सिलहट, सावर और ढाका स्थित छावनियों से सेना के कमांडो को बुलाना पड़ा। बांग्लादेशी प्रधानमंत्री ने कहा, ‘सुबह में करीब चार बजे अभियान की योजना बनाई गई और फिर सुरक्षा बलों ने धावा बोला।’
होले आर्टिजन बेकरी में कम से कम नौ आतंकवादी ‘अल्लाहू अकबर’ चिल्लाते हुए घुसे और उन्होंने स्थानीय समयानुसार शुक्रवार (1 जुलाई) रात करीब नौ बजकर 20 मिनट पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। इस रेस्तरां में राजनयिकों और विदेशी नागरिकों का अकसर आना जाना रहता है।
मुस्लिम बहुल बांग्लादेश में हाल ही के महीनों में धार्मिक अल्पसंख्यकों और धर्मनिरपेक्षकों ब्लॉगरों पर संदिग्ध इस्लामवादी चरमपंथियों ने जानलेवा हमले किए। सातखीरा जिले में शनिवार (2 जुलाई) को 48 वर्षीय पुजारी को चाकू मार दिया गया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। बीते दो दिनों के भीतर एक हिंदू पुजारी और एक बौद्ध नेता की निर्मम हत्या हो चुकी है।