लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो की सेना ने जनवरी के अंत से एम23 सशस्त्र समूह के साथ हुई झड़पों में 20 विद्रोहियों के मारे जाने का दावा किया है। सेना का यह भी कहना है कि विद्रोहियों के साथ झड़पों में उसके दो जवान मारे गए और छह घायल हुए हैं। जनरल लियोन मुशाले ने बुधवार (1 मार्च) को पूर्वी शहर गोमा में संवाददाताओं को बताया कि सशस्त्र समूह के खिलाफ कार्रवाई के दौरान 25 विद्रोहियों को या तो पकड़ा गया या उन्होंने आत्मसमर्पण किया। सेना के मुताबिक, लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो के पूर्वी हिस्से में और युगांडा से लगने वाली सीमा के करीब 31 जनवरी और 20 एवं 22 फरवरी को झड़पें हुईं। नॉर्थ कीवु प्रांत में सैन्य अभियानों का नेतृत्व करने वाले मुशाले ने कहा कि कुछ विद्रोही युगांडा और कुछ रवांडा की ओर भाग गए। एम23 मूलनिवासी तुत्सी विद्रोहियों का गुट है जिसने वर्ष 2012 में लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो के खिलाफ यह कहते हुए विद्रोह किया था कि सरकार ने वर्ष 2009 में हस्ताक्षरित शांति समझौते का सम्मान नहीं किया।
कांगो के जेल में 30 मिनट तक चले दंगे में 3 की मौत, 4 घायल
कांगो की राजधानी ब्राजाविले के कारागार में दंगा होने से तीन व्यक्तियों की मौत हो गयी और चार लोग घायल हो गये। अभियोक्ता आंद्रे गाकाला ओको ने बताया कि सिटी अदालत के करीब स्थित कारागार में गुरुवार (29 दिसंबर) को कैदियों ने जेल वार्डनों की बंदूकें छीन ली, जिसके बाद यह दंगा शुरू हो गया। उन्होंने बताया कि जेल वार्डनों की बंदूकें छीनने के बाद कैदियों ने चारों ओर गोलियां चलानी शुरू कर दी। भाग रहे एक कैदी की गोलीबारी से एक सशस्त्र अधिकारी, एक दंगाई और एक आम नागरिक की मौत हो गयी। उन्होंने बताया, ‘इसके अलावा चार लोग घायल हो गये हैं, जिसमें से तीन दंगाई और एक आम नागरिक शामिल है।’ मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि यह दंगा करीब तीस मिनट तक चला। अभियोक्ता ने बताया कि भागने का प्रयास कर रहे सभी कैदियों को पकड़ लिया गया है और उन्हें उनके कोठरी में बंद कर दिया गया।
कांगो जनसंहार में 22 की मौत, अब तक 700 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं
कांगो के अशांत उत्तर कीवू प्रांत में इस हफ्ते के अंत में हुए जनसंहार में 22 लोग मारे गए। यह जानकारी सोमवार (26 दिसंबर) को एक अधिकारी ने दी। यह खूनखराबा एरिंगेटी में हुआ। यह बेनी नाम के शहर से 55 किलोमीटर दूर है। बेनी कई हमलों की चपेट में रहा है जिसमें, क्षेत्रीय अधिकारी अमीसी कालोंडा के मुताबिक, अब तक 700 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। अमीसी ने ताजा हिंसा के लिए यूगांडाई विद्रोहियों को जिम्मेदार ठहराया। कांगो के अधिकारियों ने अलाइड डेमोक्रेटिक फोर्सेस को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
