श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद वहां की सरकार ने अब कट्टरपंथियों के खिलाफ शिकंजा कसना शुरु कर दिया है। इन्हीं कोशिशों के तहत श्रीलंकाई सरकार ने विवादित धर्म प्रचारक जाकिर नाईक के टीवी चैनल ‘पीस टीवी’ पर श्रीलंका में प्रसारण पर रोक लगा दी है। टाइम्स नाउ के हवाले से यह खबर आयी है। बता दें कि जाकिर नाईक का ‘पीस टीवी’ इससे पहले भारत और बांग्लादेश में भी प्रतिबंधित किया जा चुका है। ऐसे आरोप हैं कि पीस टीवी की मदद से कट्टरपंथी, युवाओं का ब्रेन वॉश कर रहे हैं। बीते हफ्ते श्रीलंका में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में 300 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे। उसके बाद से ही श्रीलंका की सरकार कट्टरपंथ को लेकर सख्त हो गई है। हाल ही में श्रीलंका में बुर्के पर भी बैन लगा दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि विवादित धर्म प्रचारक जाकिर नाईक का संबंध भारत से है। जाकिर नाईक ने साल 1991 में इस्लाम के प्रचार के लिए इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के नाम से एक संस्था बनायी। जिसके द्वारा जाकिर नाईक इस्लाम का प्रचार करता था। साल 2006 में जाकिर नाईक ने ज्यादा से ज्यादा लोगों से जुड़ने के लिए ‘पीस टीवी’ की शुरुआत की। बता दें कि इस चैनल का प्रसारण दुबई से होता है। साल 2016 में जाकिर नाईक और उसका चैनल पीस टीवी अचानक से उस वक्त विवादों में आ गए, जब बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक आतंकी हमला हुआ।
इस हमले में 5 आतंकियों ने ढाका के गुलशन थाना स्थित एक मशहूर कैफे पर हमला किया और वहां मौजूद लोगों को बंधक बना लिया। आतंकियों ने इस दौरान 22 लोगों की हत्या कर दी। बाद में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में सभी आतंकी भी मारे गए। मारे गए सभी आतंकी बांग्लादेश के मध्यम वर्ग से ताल्लुक रखते थे और काफी युवा थे। जांच में पता चला कि मारे गए आतंकियों में से एक आतंकी जाकिर नाईक और उसके पीस टीवी से काफी प्रेरित था। यही वजह रही कि पीस टीवी पर कार्रवाई का दबाव बना। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी एनआईए ने जब जाकिर नाईक और उसके इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन और पीस टीवी की जांच पड़ताल की तो उसमें कई गड़बड़ियां मिली। जिसके बाद भारत सरकार ने पीस टीवी पर बैन लगा दिया। वहीं आतंकी हमले के बाद बांग्लादेश ने भी पीस टीवी के प्रसारण पर रोक लगा दी। बैन के बाद से ही जाकिर नाईक फरार है और ऐसी खबरें हैं कि फिलहाल वह मलेशिया में रह रहा है।