चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गुरुवार को को सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की 100वीं वर्षगांठ के मौके पर देश की रक्षा के लिए एक मजबूत सेना बनाने का आह्वान किया और चेतावनी दी कि चीन के लोग किसी भी विदेशी ताकत को उन्हें धमकाने, उत्पीड़ित करने या अपने अधीन करने की इजाजत कभी नहीं देंगे। इतना ही नहीं शी ने

टियानमेन स्क्वेर पर आयोजित सामरोह को शी ने करीब एक घंटे संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने धमकाते हुए कहा कि जो भी चीन की एकता, अखंडता और संप्रभुता को खंडित करने की कोशिश करेगा, उसका सिर कुचल देंगे। खून बहा देंगे। वैसे तो शी जिनपिंग ने किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका सीधा इशारा हॉन्गकॉन्ग और ताईवान मामले में बार-बार दखल दे रहे अमेरिका और पश्चिमी देशों की तरफ माना जा रहा है।

इस दौरान जिनपिंग ने यह भी कहा कि ताइवान को चीन की मुख्य भूमि के साथ जोड़ना सत्ताधारी पार्टी का एक ऐतिहासिक लक्ष्य है। आधिकारिक टेलीविजन पर प्रसारित संबोधन में 68 वर्षीय शी ने कहा, ‘‘ किसी को भी अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए चीनी लोगों के विशाल संकल्प, दृढ़ इच्छाशक्ति और असाधारण क्षमता को कम करके नहीं आंकना चाहिए। हमें राष्ट्रीय रक्षा तथा सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण में तेजी लानी चाहिए। हम अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा तथा विकास हितों की रक्षा के लिए अधिक क्षमता और अधिक विश्वसनीय साधनों से लैस हैं।’’

शी ने कहा कि चीन अन्य देशों पर अत्याचार नहीं करता और उन्हें भी हमें परेशान करने नहीं देगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमने कभी किसी अन्य देश के लोगों को परेशान, उत्पीड़ित या अपने अधीन नहीं किया है और न ही हम कभी ऐसा करेंगे। वहीं, चीन विदेशी ताकतों को चीन के लोगों को परेशान, उत्पीड़ित करने या अपने अधीन कभी नहीं करने देगा।

उन्होंने आगाह किया कि अगर किसी ने भी ऐसा करने की कोशिश की तो उसे 1.4 अरब से अधिक चीनी लोगों की ‘स्टील’ की विशाल दीवार से टकराना होगा। राष्ट्रपति शी ने कहा कि ताइवान के मामले का समाधान करना और चीन के पूर्ण एकीकरण को साकार करना एक ऐतिहासिक लक्ष्य है और सीपीसी इसको लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें ताइवान की स्वतंत्रता की दिशा में किसी भी प्रयास को पूरी तरह से विफल करने के लिए दृढ़ कार्रवाई करनी चाहिए और राष्ट्रीय कायाकल्प के मकसद से एक उज्ज्वल भविष्य बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।’’ स्कूली बच्चों के अलावा पार्टी के कायर्कर्ता, सैन्य अधिकारियों सहित 70 हजार से अधिक लोग उनके भाषण के दौरान पूरे जोश से उनका समर्थन करते दिखे।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सेना को पार्टी के नेतृत्व में काम करना चाहिए । उन्होंने कहा कि ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ समाजवादी देश की रक्षा तथा राष्ट्रीय गरिमा की रक्षा के लिए एक मजबूत स्तंभ है और क्षेत्रीय तथा विश्व शांति की रक्षा के लिए एक प्रबल शक्ति है। बता दें कि माओ ज़ेदोंग ने एक जुलाई 1921 को सीपीसी की स्थापना की थी और गुरुवार को इसके अस्तित्व में आए 100 वर्ष पूरे हो गए। 1949 में ‘पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना’ (पीआरसी) के गठन के बाद से ही यह सत्ता में है।

चीन के लिए सीपीसी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए शी ने कहा कि इसे चीन के लोगों से विभाजित करने का कोई भी प्रयास ‘‘असफल ही होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ पार्टी के 9.5 करोड़ से अधिक सदस्य और चीन के 1.4 अरब से अधिक लोग ऐसा कभी नहीं होने देंगे।’’