चीन में पहली बार एक ही दिन में तीन जंगी जहाजों को नेवी के हवाले किया गया है। इसे साउथ चाइना सी की वजह से अमेरिका से बढ़ी तकरार के बाद उठाए गए कदम के तौर पर देखा जा रहा है। चीन की सरकारी मीडिया की ओर से बताया गया कि द पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी नेवी (PLAN) ने सीएनएस वुईशन, सीएनएस कुलईशन और सीएनएस वुटईशन को चीनी नेवी को सौंप दिया। इन जंगी बेड़ों को सोमवार को चीन के ईस्ट सी फ्लीट को किसी अज्ञात स्थान पर सौंपा गया है।
हर शिप का वजन 5008 मीट्रिक टन है। इनकी अधिकतम स्पीड 37 किमी प्रति घंटा है। पिछले डिजाइंस से तुलना करें तो इन शिपों को समुद्र में रडार पर पकड़ पाना और ज्यादा मुश्किल है। इसका डिजाइन इस तरह है कि इसके जरिए समुद्र से जमीन तक जाने लायक छोटी नौकाओं और क्राफ्ट को तेजी से भेजा जा सकता है। शिप में मध्यम और छोटी रेंज के लक्ष्यों को निशाना बनाने से जुड़े सिस्टम हैं। इसके अलावा, इसमें एक फ्लाइट पैड भी है, जिसपर हेलिकॉप्टर उतारा जा सकता है। चीनी मीडिया का कहना है कि इन शिप्स से नेवी की जमीनी ऑपरेशन और ट्रांसपोर्ट की संयुक्त क्षमताओं में इजाफा होगा। आईएचएस जेन नेवी इंटरनेशनल के मुताबिक, इन शिपों में 10 हथियारबंद छोटे जहाजों और 250 सैन्य टुकडि़यों को ढोने की क्षमता है। इसका मतलब यह है कि ये तीनों शिप समुद्र से जमीन पर जाकर वार करने वाली पूरी बटालियन को ढो सकती हैं।
बता दें कि चीनी नेवी में 2012 के बाद से 100 नई शिप और सबमरीन शामिल किए जा चुके हैं। इनमें एक एयरक्राफ्ट करियर, आधुनिकतम एयर डिफेंस तकनीक वाले तीन Type-052D गाइटेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर्स भी शामिल हैं। चीन साउथ चाइना सी में अपनी कथित संप्रभुता का हवाला देते हुए अमेरिका से मुकाबले को तैयार है। हालांकि, पीएलए के एक अफसर ने माना है कि उनकी ओर से तैनात ये शिप और अन्य समुद्री जहाज अमेरिका या जापान जैसे अच्छे नहीं हैं। बता दें कि चीन के साउथ चाइना सी को लेकर किए जाने वाले दावे को वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई, ताइवान और फिलीपींस जैसे देश चुनौती देते रहे हैं। वहीं, अमेरिका भी इस विवादित इलाके में अपने जंगी बेड़े भेजता रहा है।