चीन की एक सॉफ्टवेयर कंपनी पर अमेरिकी लोगों के एंड्रॉयड फोन से डाटा चीन भेजने का आरोप लगा है। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार चीनी सॉफ्टवेयर कंपनी ने भारी मात्रा में प्रत्येक तीन दिन के अंतराल पर यूजर डाटा अपने देश भेजा। रिपोर्ट के अनुसार किप्टोवायर नाम की एक मोबाइल सिक्योरिटी फर्म ने पता लगाया कि शंघाई एडप्स टेक्नॉलॉजी कंपनी ने एक चीनी सर्वर को मैसेज, कॉन्टेक्ट लिस्ट, कॉल लिस्ट, लोकेशन जानकारी और अन्य डाटा भेजा। यह कंपनी कई बड़ी कंपनियों को सॉफ्टवेयर समाधान और डिवाइस मैनेजमेंट की सुविधा प्रदान करती है। कंपनी ने पहले से ही फोन में कोड इंस्टॉल कर रखे थे और यूजर्स को इस निगरानी के बारे में बताया भी नहीं गया।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, सिक्योरिटी कंपनियों ने पता लगाया कि हाल ही में कुछ एंड्रायॅड फोन में पहले से इंस्टॉल सॉफ्टवेयर के जरिए यूजर्स की लोकेशन, उनकी बातचीत और मैसेज को ट्रेक किया जा रहा था। अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि गोपनीय रूप से जो डाटा लिया गया है वह विज्ञापनों की खातिर चुराया गया या फिर चीनी सरकार इसके जरिए जासूसी कर रही है। इस सॉफ्टवेयर के जरिए अंतरराष्ट्रीय और प्रीपेड उपभोक्ता सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। चीन की कंपनी का कहना है कि उसके कोड 70 करोड़ फोन, कार और अन्य डिवाइसेज में इंस्टॉल हैं। मामले के सामने आने के बाद बीएलयू प्रोडक्ट नाम की कंपनी ने बताया कि इस कोड से उसके 1.20 लाख फोन शिकार हुए हैं। इसे हटाने के लिए सॉफ्टवेयर को अपडेट किया गया है।
गौरतलब है कि इससे पहले चीनी स्मार्टफोन मेकर कंपनी ह्यूवाई पर भी गोपनीय सूचना चुराने का आरोप लगा था। ऑस्ट्रेलिया ने इस फोन पर प्रतिबंध भी लगा दिया था। हालांकि ह्यूवाई ने इससे इनकार किया था। उसकी ओर से कहा गया था कि किसी भी तरह की गोपनीय सूचना नहीं ली जाती। चीनी मीडिया की ओर से इस तरह के आरोपों को साजिश बताया गया था।