Queen Elizabeth II: चीन को ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के लाइंग-इन-स्टेट कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई। चीन का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को महारानी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए ब्रिटेन पहुंचा था, लेकिन डेलीगेशन को संसद में महारानी के ताबूत को देखने की इजाजत नहीं दी गई। क्वीन के ताबूत को ब्रिटिश सरकार की निगरानी में संसद के अंदर रखा गया है।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ ब्रिटिश सांसदों ने चीन से प्रतिनिधियों को आमंत्रित करने को लेकर चिंता जताई है, जिसके बाद यह फैसला लिया गया। इतना ही नहीं सांसदों ने प्रतिनिधियों को आमंत्रित करने का विरोध भी किया है। दरअसल, शिनजियांग में कथित मानवाधिकारों के हनन की आलोचना करने पर चीन ने कई ब्रिटिश सांसदों पर प्रतिबंध लगाए थे। चीन के इस रुख का विरोध करते हुए सांसदों ने चीनी डेलीगेशन को आमंत्रित करने पर चिंता जताई है। हालांकि, चीन इस तरह के दुर्व्यवहार से इनकार करता है। वहीं, ब्रिटिश संसद के स्पीकर के कार्यालय ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
महारानी का अंतिम संस्कार वेस्टमिंस्टर एबे में किया जाएगा, जिसमें सैकड़ों विदेशी राजघरानों और नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है। एबे में लगभग 2,000 लोगों के लिए जगह है, इसलिए ब्रिटेन के राजकीय अंतिम संस्कार में सिर्फ राष्ट्राध्यक्षों और एक या दो मेहमानों को ही आमंत्रित किया गया है। इस बीच कुछ देशों को राजनीतिक कारणों के चलते अंतिम संस्कार में आमंत्रित नहीं किया गया है।
प्रधानमंत्री लिज ट्रस के एक प्रवक्ता ने कहा कि बकिंघम पैलेस विदेशी कार्यालय से सलाह लेने के बाद अतिथि सूची तैयार करता है। सम्मेलन के लिए उन देशों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित जाता है जिनके साथ ब्रिटेन के राजनयिक संबंध हैं।
वहीं, इस पर चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने बीजिंग में एक ब्रीफिंग में कहा कि उन्होंने अभी तक रिपोर्ट नहीं देखी है। उन्होंने कहा, “मैं कहना चाहती हूं कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का राजकीय अंतिम संस्कार यूनाइटेड किंगडम के लिए एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। ब्रिटेन के निमंत्रण पर विदेशी प्रतिनिधिमंडल महारानी के सम्मान और ब्रिटेन के साथ संबंधों के महत्व को समझते हुए शामिल हो रहे हैं।”