चीन ने मानवाधिकार रिकॉर्डों को लेकर वैश्विक स्तर पर हो रही अपनी आलोचना के बीच अधिकारों की रक्षा संबंधी कानूनों में सुधार करने की घोषणा करने के साथ साथ जेलों एवं हिरासत केंद्रों के हालात में सुधार के लिए उठाए जाने वाले कदमों को सोमवार (12 सितंबर) को रेखांकित किया। ‘चीन में मानवाधिकारों की न्यायिक रक्षा में नई प्रगति’ शीर्षक वाले सोमवार (12 सितंबर) को जारी एक आधिकारिक श्वेतपत्र में कहा गया है कि चीनी न्यायिक अधिकारियों ने मानवाधिकारों की कानूनी गारंटी प्रक्रिया में और सुधार के लिए कई क्षेत्रों में सुधार की बात कही है। केंद्रीय कैबिनेट की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि चीन ने मामला दर्ज करने की समीक्षा प्रणाली को मामला दर्ज करने की पंजीकरण प्रणाली में बदलकर मामला दायर करने की प्रणाली में सुधार किए हैं।
श्वेत पत्र में कहा गया है कि चीन ने आपराधिक प्रक्रिया कानून में संशोधन किया है और गैरकानूनी सबूतों के निष्कासन, आरोपी को संदेह का लाभ देने में वैधता के सिद्धांतों को लागू किया है। इसमें कहा गया है कि देश ने विवादों के प्रभावशाली निपटारे के लिए दीवानी प्रक्रिया कानून में संशोधन किया है। प्रशासनिक मुकदमों में निजी पक्षों के हितों एवं वैध अधिकारों की रक्षा को मजबूत करने के लिए प्रशासनिक प्रक्रिया कानून में संशोधन किया गया है। चीन ने घरेलू हिंसा के पीड़ितों के निजी अधिकारों की कानूनी रक्षा को मजबूत करने के लिए पहला घरेलू हिंसा विरोधी कानून बनाया है। चीन ने जेलों एवं लेबर कैंपों में खराब हालात के कारण हो रही अपनी आलोचना के मद्देनजर हिरासत में बंद लोगों के कानूनी अधिकारों एवं हितों की रक्षा और अपनी जेलों में सुधार करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों को रेखांकित किया।
हिरासतगाहों एवं जन सुरक्षा संस्थाओं के पूछताछ कक्षों में ऑडियो एवं वीडियो रिकॉर्डिंग की सुविधा होगी ताकि कानून प्रवर्तन अधिकारियों के प्रताड़ित करके इकबालिया बयान लेने और अवैध माध्यमों से सबूत प्राप्त करने जैसे गलत आचरण को रोका जा सके। श्वेतपत्र में कहा गया है कि देश पर्यवेक्षी गतिविधियों एवं सजा की तामील संबंधी जांच बढ़ाएगा, वह सजा कम करने, पैरोल और जेल के बाहर सजा की तामील का मानकीकरण करेगा। श्वेत पत्र के अनुसार देश यह नियम बनाएगा कि आपराधिक मामलों में बचाव पक्षों एवं अपीलकर्ताओं को हिरासतगाह के नाम वाले कपड़े पहनने की कोई आवश्यकता नहीं हो ताकि हिरासत में बंद लोगों की निजी गरिमा, सुरक्षा, कानूनी संपदा और बचाव करने, अपील करने, शिकायत करने, कानून के उल्लंघन की शिकायत करने समेत कानूनी अधिकारों की रक्षा की जा सके।
इसमें कहा गया है कि चीन के 2,169 हिरासत गृहों में वर्ष 2015 में मनोवैज्ञानिक परामर्श कक्ष बनाए गए। सरकारी संवाद समिति शिंहुआ के अनुसार जेलों एवं हिरासत गृहों में चिकित्सकीय सेवाओं एवं जीवन प्रबंधन का मानकीकरण किया जाएगा ताकि हिरासत में बंद लोगों के स्वास्थ्य के अधिकार की रक्षा की जा सके। अधिकारियों ने कहा कि चीनी जेल प्रणाली में पिछले कुछ वर्षों से सुधार हुआ है। चीन ने मौत की सजा पाने वाले उन कैदियों के अंगों की मदद से अंग प्रतिरोपण पर रोक लगा दी थी जिनको सजा दी जा चुकी है। अंगों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए मौत की सजा की दर बढ़ाने को लेकर हो रही आलोचना के बीच यह प्रतिबंध लगाया गया था।