चीन ने पहली स्‍काई ट्रेन की पहली झलक दिखाई है। चीन की ओर जारी फोटो में असेंबली लाइन में स्‍काई ट्रेन दिख रही है। इसके साथ ही चीन दुनिया का तीसरा देश बन गया है जिसने इस तरह की ट्रेन बनाई है। उससे पहले जर्मनी और जापान भी ऐसा कर चुके हैं। चीन के सबसे बड़े रॉलिंग स्‍टॉक निर्माता चाइना रेलवे रॉलिंग स्‍टॉक कॉर्पोरेशन से जुड़े नांजिंग पुझेन कंपनी ने इस ट्रेन का निर्माण किया है। इस ट्रेन के दो कंपार्टमेंट में 200 से ज्‍यादा लोग सफर कर सकते हैं। ट्राम और सबवे की तुलनला में इसकी संचालन लागत भी कम है। चीनी अधिकारियों ने बताया कि इस ट्रेन में हाई विंड रेसिस्‍टेंस और घुमाव क्षमता है।

बीजिंग जियोटोंग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर यूई जाओहोंग ने कहा कि सबवे की तुलना में स्‍काई ट्रेन के निर्माण में भी कम समय लगता है। दर्जनों किलोमीटर लंबी ट्रेन बनाने में केवल तीन से पांच महीने लगते हैं। यह ट्रेन बैटरी से चलती है। एक बार में यह चार किलोमीटर तक चल सकती है। स्‍टेशन पर रूकने के दौरान बैटरी बदली जा सकती है, इसमें केवल दो मिनट लगते हैं। जानकारों का कहना है कि तीसरे और चौथे टीयर के शहरों के लिए यह ट्रेन अच्‍छा विकल्‍प है। चीन अगले साल से स्‍काई ट्रेन का संचालन शुरू कर देगा। वह कई पर्यटन स्‍थलों पर इसका संचालन करेगा। चीन ने सार्वजनिक परिवहन के मामले में हाल के सालों में काफी काम किया है। पिछले दिनों ही चीन ने एलि‍वेटेड बस की शुरुआत की थी। इस बस के नीचे से कारें आसानी से सड़क पर चल सकती हैं। साथ ही बुलेट ट्रेन, मेग्‍लेव ट्रेन को लेकर भी काफी तरक्‍की की है।