China-Taiwan Conflict: चीन (China) ने एक बार फिर ताइवान (Taiwan) में घुसपैठ की कोशिश की है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय (Taiwan Defense Ministry) का दावा है कि चीन की तरफ से 71 युद्धक विमान तैनात किए गए हैं और 47 विमान वायु रक्षा क्षेत्र को पार कर गए हैं। मंत्रालय के मुताबिक, चीन ने सप्ताहांत सैन्य अभ्यास के दौरान 71 वॉरप्लेन्स को तैनात किया, जिसमें 60 फाइटर जेट शामिल हैं।
Taiwan ने कहा, ये अब तक की सबसे बड़ी चीनी वायु सेना की घुसपैठ
एएफपी के अनुसार, रक्षा मंत्रालय द्वारा ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक दैनिक अपडेट में ताइवान (Taiwan) ने कहा कि 47 उड़ानें द्वीप के वायु रक्षा क्षेत्र में पार कर गईं, जो रिकॉर्ड पर तीसरी सबसे बड़ी दैनिक घुसपैठ है। ताइवान की आधिकारिक सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने कहा कि यह अब तक की सबसे बड़ी चीनी वायु सेना की घुसपैठ थी। चीन ने कहा कि उसने लोकतांत्रिक रूप से शासित द्वीप और संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से उकसावे के जवाब में रविवार को ताइवान के आसपास समुद्र और हवाई क्षेत्र में स्ट्राइक ड्रिल किया था।
कहा, लोगों को डराने की कोशिश कर रहा चीन
ताइवान ने कहा कि एक्सरसाइज से पता चलता है कि बीजिंग क्षेत्रीय शांति को नष्ट कर रहा है और ताइवान के लोगों को डराने की कोशिश कर रहा है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए एक नक्शे के अनुसार, चीन लौटने से पहले कुछ चीनी विमानों ने संवेदनशील ताइवान स्ट्रट की मध्य रेखा को पार किया। इनमें ज्यादातर फाइटर जेट थे। मंत्रालय ने कहा कि ताइवान के पास सात चीनी नौसैनिक जहाजों का भी पता चला है। बता दें कि चीन, ताइवान को अपने क्षेत्र के रूप में दावा करता है, जबकि ताइवान चीन की संप्रभुता के दावों को दृढ़ता से खारिज करता है।
रिपोर्ट के अनुसार, चीन की सेना ने ताइवान के दक्षिणी वायु रक्षा पहचान क्षेत्र या ADIZ में इलेक्ट्रॉनिक-वॉरफेयर, पनडुब्बी रोधी विमान और साथ ही ड्रोन भी भेजे। ताइपे ने ADIZ के दक्षिणी क्षेत्रों में चीनी वायु सेना द्वारा पिछले दो सालों में बार-बार घुसपैठ करने की कोशिश की शिकायत की है। वहीं, ताइवान ने चीनी विमानों को चेतावनी देने के लिए कॉम्बैट फाइटर जेट भेजे। बीजिंग के शासन को स्वीकार करने के लिए चीन ने स्वशासित द्वीप पर हाल के वर्षों में अपना राजनयिक, सैन्य और आर्थिक दबाव बढ़ा दिया है। ताइवान की सरकार का कहना है कि वह शांति चाहती है लेकिन हमला होने पर वह अपनी रक्षा करेगी।