चीन-पाकिस्तान इकाॅनमिक कॉरिडोर (CPEC) पर काम कर रहे हर चीनी नागरिक की सुरक्षा में दो पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मी लगाए गए हैं। इससे पता चलता है कि इस प्रोजेक्ट पर कितना गंभीर खतरा है, जबकि चीन पाकिस्तान को अपना ”सबसे अच्छा सहयाेगी” मानकर चल रहा है। प्रोजेक्ट को निशाना बनाकर किए गए हमलों ने पाकिस्तान को CPEC पर काम कर रहे 7,036 चीनी नागरिकों के लिए 14,503 सुरक्षाकर्मियों को तैनात करने पर मजबूर कर दिया है। इनमें से ज्यादातर हमले पंजाब में हुए हैं, जहां कई जिहादी तंजीमों का अड्डा है। टाइम्स आफॅ इंडिया के मुताबिक, पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में दिए गए लिखित जवाब में कहा गया कि पंजाब में 7,036 चीनी पेशेवरों की सुरक्षा 6,364, बलूचिस्तान में 3134, सिंध में 2654, ख्याबर में 1912 और इस्लामाबाद में 439 जवान कर रहे हैं। यह जानकारी पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की सद स्य शाहिदा रहमान के सवाल पर दी गई थी।
इस महत्वपूर्ण कॉरिडोर को खतरा बलूची राष्ट्रवादियों से हैं जिन्होंने प्रोजेक्ट को कई बार निशाना बनाया है। इसके अलावा तालिबानी गुट भी प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचा सकते हैं, उन्होंने पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी अफसरों को पहले भी अगवा किया है। दो हजार किलाेमीटर लंबा CPEC पाकिस्तान के लिए ‘गेम चेंजर’ के तौर पर देखा जा रहा है, जो चीन के कशगर को बलूचिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़कर आर्थिक ढांचे को मजबूत करेगा। मगर इस प्रोजेक्ट पर कई संगठनों की ढेढ़ी नजर है। इस कॉरिडोर की रणनीतिक महत्ता भी कम नहीं है क्योंकि इसके तहत गिलगित-बाल्टिस्तान से गुजरने वाले काकोरम हाइवे को फिर से बनाया जाना है, जिसके जरिए चीन को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घुसने का रास्ता मिल जाएगा।
पाकिस्तान के लिए ग्वादर बंदरगाह इसलिए भी महत्वपूण है क्योंकि यह ईरान में भारत द्वारा बनाए गए चबाहार बंदरगाह से ज्यादा दूर नहीं है। चबाहार प्रोजेक्ट के जरिए भारत को बंदरगाह-रोड लिंक के जरिए अफगानिस्तान पहुंचने का रास्ता मिल जाएगा। CPEC प्रोजेक्ट्स का वितरण यह भी दर्शाता है कि कॉरिडोर के विभिन्न हिस्सों को खतरा है। 330 CPEC प्रोजेक्ट्स में से, सिर्फ आठ ही बलूचिस्तान में हैं, जहां अलगाववादी कॉरिडोर का विरोध कर रहे हैं। पाकिस्तानी अधिकारियों का दावा है कि हमलों पर नियंत्रण कर लिया गया है। नौ कंपोजिट इन्फैंट्री बटालियंस और छह सिविल आर्म्ड फोर्स विंंग्स की एक खास सुरक्षा डिविजन को इस कॉरिडोर के निर्माण की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है।