भारत का चंद्रयान 3 पूरी तरह सफल रहा है, चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उसन सफल लैंडिंग भी की है। भारत के एक मिशन ने पूरी दुनिया को नई राह दिखाने का काम किया है, कई दूसरे देशों को भी चांद पर जाने के लिए प्रोत्साहित किया है। इसी कड़ी में खबर आ रही है कि ऑस्ट्रेलिया भी अपना रोवर चांद पर भेजने की तैयारी कर रहा है। लेकिन वो नासा की मदद से ये काम करने जा रहा है। बड़ी बात ये है कि भारत ने किसी से भी मदद नहीं ली थी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया नासा की मदद से अपने मून मिशन को पूरा करेगा।
ऑस्ट्रेलिया का मून मिशन
बताया जा रहा है कि नासा का जो Artemis मून मिशन है, उसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया भी अपना रोवर भेजने जा रहा है। जानकार बता रहे हैं कि साल 2026 तक ऑस्ट्रेलिया का ये मून मिशन पूरा हो जाएगा। यहां ये समझना जरूरी है कि ऑस्ट्रेलिया एक रोबोटिक रोवर भेजने जा रहा है, वहां पर वो चांद की मिट्टी की जांच करने जा रही है। ये भी जानकारी मिल रही है कि ऑस्ट्रेलिया खुद ही अपना रोवर डिजाइन करने जा रहा है, बस उसे चांद पर भेजने के लिए नासा की मदद ली जा रही है।
भारत के चंद्रयान 3 ने कैसे रचा इतिहास?
जानकारी के लिए बता दें कि भारत पहला देश है जिसका मून मिशन चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड किया है। रूस के लूना 25 ने भी कोशिश जरूर की, लेकिन वो फेल हुआ और चांद की सतह पर क्रैश कर गया। लेकिन धीमि गति से आगे बढ़ा भारत का चंद्रयान 3 हर पड़ाव को पास करता चला गया और फिर दक्षिणी ध्रुव पर उसने लैंडिंग भी कर ली। बड़ी बात ये है कि जिस जगह पर भारत का चंद्रयान 3 लैंड हुआ है, उस जगह को शिवशक्ति नाम दिया गया है।
