भारत में 20-जी की बैठक में शामिल होने के बाद से ही कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। पहले खालिस्तानी आतंकियों का समर्थन फिर भारत के खिलाफ तनावपूर्ण बयान देकर दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी ला दी है। हाल ही में जस्टिन ट्रूडो ने एक नाजी दिग्गज की प्रशंसा की जिसके बाद उन्हें रूस के विरोध का सामना करना पड़ा। अब उन्होंने इसके लिए औपचारिक रूप से माफी मांग ली है। उन्होंने सदन में कहा कि हम सभी की ओर से मैं खेद व्यक्त करना चाहता हूं। वहां मौजूद हम सभी लोगों के लिए अनजाने में इस व्यक्ति को पहचानना एक भयानक गलती थी।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि पिछले दिनों हाउस ऑफ कॉमन्स के स्पीकर ने चैंबर में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की मौजूदगी में एक नाजी दिग्गज की प्रशंसा की ट्रूडो ने प्रशंसा की थी। यारोस्लाव हुंका को हीरो करार दिया गया। इसके बाद रूस की ओर से इस पर आपत्ति जताई गई। ट्रूडो ने इसके बाद कहा कि ओटावा माफी मांगने के लिए राजनयिक चैनलों के माध्यम से पहले ही कीव और जेलेंस्की तक अपनी बात पहुंचा चुका है। आपको बता दें कि हुंका एक पोलिश मूल के यूक्रेनी थे, जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एडॉल्फ हिटलर की वेफेन एसएस इकाइयों में से एक में नौकरी की थी। बाद में वह कनाडा चले गये।
ट्रूडो ने मांगी माफी
ट्रूडो ने इस मामले में माफी मांगते हुए कहा कि अनजाने में इस व्यक्ति को पहचानना एक भयानक गलती थी। यह उन लोगों का अपमान के समान था तो जो नाजी शासन के हाथों गंभीर रूप से पीड़ित थे। इस मामले पर क्रेमलिन ने पहले कहा था कि पूरी कनाडाई संसद को सार्वजनिक रूप से नाजीवाद की निंदा करनी चाहिए। आपको बता दें कि हुंका कनाडा में रोटा के संसदीय क्षेत्र में रहते हैं। ट्रूडो ने कहा कि स्पीकर ने किसे आमंत्रित किया है, इसकी जांच करने की लिबरल सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं है।
इनपुट- एजेंसी