Justin Trudeau Resignation: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। लंबे समय से ऐसी चर्चा चल रही थी कि अल्पमत में चल रही ट्रूडो सरकार गिर जाएगी। उसी कड़ी में सोमवार का दिन कनाडा की राजनीति में टर्निंग प्वाइंट लेकर आया और जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा देखने को मिल गया। उनके इस्तीफे के बाद अब कनाडा में अब समय से पहले चुनाव होते दिख सकते हैं। लेकिन अब जब ट्रूडो ने अपनी पीएम कुर्सी छोड़ दी है, सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि आखिर किन कारणों से ट्रूडो ने इस्तीफा दिया है।

सत्ता में रहते हुए अलोकप्रिय हुए ट्रूडो

जस्टिन ट्रूडो की कुर्सी जाने का एक बड़ा कारण उनका अलोकप्रिय हो जाना है। सत्ता में रहते हुए अगर किसी नेता की सबसे कम अप्रूवल रेटिंग देखने को मिली है तो उस लिस्ट में जस्टिन ट्रूडो का नाम काफी ऊपर आता है। पिछले साल के आखिर में जो सर्वे हुआ था, तब उनकी अप्रूवल रेटिंग मात्र 33 फीसदी दर्ज की गई। उसी सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि खस्ता अर्थव्यवस्था की वजह से ट्रूडो की नीतियों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।

महंगाई ने ट्रूडो की नैया डुबो दी

दुनिया के कई देशों में इस समय महंगाई का प्रकोप देखने को मिला है, महाशक्ति अमेरिका भी इससे अछूता नहीं चल रहा। लेकिन ट्रूडो ने इसी वादे के साथ सत्ता में आए थे कि वे महंगाई को काबू में रखेंगे। लेकिन उनके कार्यकाल में घरों की कीमत में ही अकेले 30 से 40 फीसदी तक का उछाल देखने को मिल गया। कनाडा का एक आम नागरिक इसी वजह से जस्टिन ट्रूडो से नाराज चल रहा था। दूसरी वस्तुओं की कीमतों में भी भारी इजाफा रहा, उसने भी ट्रूडो की चुनौतियां बढ़ा दीं।

भ्रष्टाचार और घोटालों ने की ट्रूडो की फजीहत

जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में भ्रष्टाचार भी एक ऐसा मुद्दा रहा जिसकी लगातार चर्चा हुई। 2017 में जब ट्रूडो हॉलिडे पैकेज और प्राइवेट हेलीकॉप्टर जैसे तोहफों को स्वीकार किया था, उन्हें कड़ी फटकार पड़ी थी। इसके ऊपर चैरिटी दिखाकर ट्रूडो के परिवार के लोगों को काफी पैसा मिला था, इसके ऊपर पसंद की कंपनियों को हर कॉन्ट्रैक्ट मिला।

विदेश नीति में फेल बताए गए ट्रूडो

जस्टिन ट्रूडो की विदेश नीति भी काफी विवादों में रही। भारत के साथ जिस तरह से कनाडा के रिश्ते बिगड़ते गए, जिस तरह से निज्जर की हत्या को राजनीति का मुद्दा बनाया गया, उसने ट्रूडो को आइसोलेट करने का काम कर दिया। इसी तरह अमेरिका में क्योंकि अब ट्रंप का शासन आ रहा है, कनाडा में ट्रूडो के अपने साथियों को भरोसा नहीं है।