कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो इस समय एक बड़े राजनीतिक संकट का सामना कर रहे हैं। उनकी खुद की पार्टी के सांसदों ने उनके नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए इस्तीफे की मांग की है। इन सांसदों ने ट्रूडो को चार दिन का अल्टीमेटम दिया है, जिसमें उन्हें या तो अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी या पद छोड़ना होगा। यह संकट उस समय शुरू हुआ जब भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंध खराब होने लगे, खासकर खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद।

ट्रूडो की नेतृत्व क्षमता पर उठाए सवाल

इस घटना के बाद से ट्रूडो सरकार पर भारत ने निज्जर की हत्या के मामले में आरोप लगाए थे, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव गहरा हो गया। ट्रूडो पर आरोप हैं कि वे इस संकट को संभालने में असफल रहे, जिससे उनकी पार्टी के कई सदस्य भी असंतुष्ट हो गए। पार्टी के भीतर कई सांसद मानते हैं कि इस मामले को बेहतर तरीके से संभाला जा सकता था, लेकिन ट्रूडो की नेतृत्व क्षमता पर सवाल खड़े हो गए हैं।

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इसके अलावा, ट्रूडो पर यह भी आरोप है कि उनकी नीतियों और निर्णयों से पार्टी को लंबे समय से नुकसान हो रहा है। इस समय पार्टी के अंदरूनी नेताओं का मानना है कि अगर नेतृत्व में बदलाव नहीं होता है, तो पार्टी को आगामी चुनावों में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। उनके आलोचक मानते हैं कि भारत के साथ संबंध खराब होना उनके नेतृत्व की असफलता का एक बड़ा उदाहरण है।

लिबरल पार्टी के सांसदों का कहना है कि अगर ट्रूडो चार दिनों के भीतर अपने पद से इस्तीफा नहीं देते, तो वे एक बड़ा कदम उठा सकते हैं। इस संकट से निपटने के लिए ट्रूडो के पास बहुत कम समय बचा है, और यह उनके राजनीतिक करियर के लिए एक निर्णायक क्षण हो सकता है।

पार्टी में असंतोष और जनता में गिरती लोकप्रियता से यह संकट और गंभीर हो गया है। ट्रूडो के भविष्य को लेकर कनाडा की राजनीति में अनिश्चितता बनी हुई है। अगर वे इस्तीफा देते हैं, तो लिबरल पार्टी में नए नेतृत्व की संभावना बन सकती है, जबकि इस्तीफा न देने पर पार्टी के भीतर दरार और गहरी हो सकती है।

कनाडा में ताजा राजनीतिक दरार भारत और कनाडा के बीच बढ़ते कूटनीतिक तनाव से आई है। भारत और कनाडा के बीच संबंधों में तब खटास आ गई जब ट्रूडो ने पिछले साल कनाडा की संसद में आरोप लगाया कि उनके पास खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने के “पुख्ता सबूत” हैं, जिसकी पिछले साल जून में सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

भारत ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए उन्हें “बेतुका” और “प्रेरित” बताया है। इसने कनाडा पर अपने देश में चरमपंथी और भारत विरोधी तत्वों को जगह देने का भी आरोप लगाया है। हाल ही में कूटनीतिक विवाद तब शुरू हुआ जब कनाडा ने निज्जर की मौत की जांच में भारत के हाई कमिश्नर और अन्य राजनयिकों को “स्टेकहोल्डर” करार दिया।