भारत से हर साल बड़ी संख्या में छात्र पढ़ाई और नौकरी के लिए कनाडा जाते हैं। हर साल ढाई लाख से अधिक भारतीय छात्रा स्टडी वीजा पर कनाडा में जाते हैं। पिछले साल भी हजारों की तादाद में स्टूडेंट्स कनाडा की धरती पर विभिन्न कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में एडमिशन लेने के लिए पहुंचे थे। हैरानी की बात है इनमें से 20 हजार छात्र कनाडा पहुंचने के बाद कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में नहीं पहुंचे।
इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज एंड सिटिजनशिप कनाडा (IRCC) के अनुसार, मार्च और अप्रैल 2024 में कनाडाई कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ‘नो-शो’ के रूप में रिपोर्ट किए गए लगभग 50,000 अंतर्राष्ट्रीय छात्रों में भारतीय छात्रों की संख्या भी काफी ज्यादा थी। इनमें से लगभग 20,000 भारत से थे जो कनाडा पहुंचने के बाद कॉलेज नहीं पहुंचे। यह एजेंसी द्वारा ट्रैक किए गए कुल भारतीय छात्रों का 5.4 प्रतिशत है।
कुल मिलाकर ऐसा करने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की संख्या सभी स्टडी परमिट धारकों में से 6.9 प्रतिशत थी। ये आंकड़े अंतर्राष्ट्रीय छात्र अनुपालन व्यवस्था के तहत एकत्र किए गए थे, जिसके तहत शैक्षणिक संस्थानों को स्टडी परमिट का पालन सुनिश्चित करने के लिए साल में दो बार नॉमिनेशन रिपोर्ट करने की जरूरत होती है।
कई देशों के छात्र नहीं पहुंच रहे कनाडा के कॉलेज
रिपोर्ट्स से पता चला है कि 144 देशों के छात्रों पर नज़र रखी गई और गैर-अनुपालन दर (Non-Compliance Rates) में काफ़ी अंतर था। उदाहरण के लिए, फिलीपींस से 688 छात्र (2.2 प्रतिशत) और चीन से 4,279 (6.4 प्रतिशत) अपने निर्धारित स्कूलों में नहीं गए। इसके विपरीत, ईरान (11.6 प्रतिशत) और रवांडा (48.1 प्रतिशत) के लिए गैर-अनुपालन दर बहुत अधिक थी।
कनाडा में सीडीएस वीजा प्रोग्राम खत्म होने के बाद नॉन-एसडीएस रूट से आवेदन कर रहे है स्टूडेंट
भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने कनाडा के कॉलेजों और भारत में मौजूद संस्थाओं के बीच कथित संबंधों की जांच शुरू की है, जिन पर कनाडा-अमेरिका सीमा पर अवैध प्रवास को बढ़ावा देने का आरोप है। कुछ भारतीय छात्रों ने कथित तौर पर कनाडा में प्रवेश करने और अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने के लिए अध्ययन परमिट का इस्तेमाल किया। पूर्व संघीय अर्थशास्त्री और आव्रजन विशेषज्ञ हेनरी लोटिन ने द ग्लोब एंड मेल को बताया कि अधिकांश गैर-अनुपालन करने वाले भारतीय छात्र संभवतः कनाडा में ही रह गए, और स्थायी निवास के लिए काम करते रहे।
इससे जुड़ी एक चिंता यह है कि अप्रैल 2024 में एक मिलियन से ज़्यादा वैध छात्र वीज़ा धारकों के बारे में सांख्यिकी कनाडा के अनुमान और नामांकन डेटा के आधार पर IRCC के आंकड़ों के बीच विसंगतियां हैं। इस अंतर ने ग़ायब छात्रों की वास्तविक संख्या के बारे में सवाल खड़े कर दिए हैं।
कनाडा स्टूडेंट वीजा रूल
अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए कनाडा सरकार धीरे-धीरे स्टडी वीजा नियम सख्त कर रही है। नए नियमों के अनुसार विद्यार्थी अगर भारत से कनाडा के कॉलेज में दाखिला लेकर जाता है तो वह वहां पहुंचकर कॉलेज बदल नहीं सकेगा। वह कॉलेज बदलता है तो उसे दोबारा स्टडी वीजा लेना होगा। वीजा रिफ्यूज होगा तो तीस दिन के भीतर विद्यार्थी को कनाडा छोड़ना होगा। इसी के साथ ही वह पोस्ट स्टडी वीजा वर्क परमिट से वंचित रह जाएगा।
इसके साथ ही कनाडा की सरकार ने नवंबर 2024 में स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम (SDS) वीजा कार्यक्रम की प्रक्रिया को खत्म कर दिया था। नॉन-एसडीएस रूट के तहत छात्रों के वीजा रिजेक्शन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। देश-दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ें jansatta.com का LIVE ब्लॉग