कनाडा में पढ़ाई कर रहे पंजाब के एक युवक को भारत में उसके परिवार ने बेदखल कर दिया है। वैंकूवर में पढ़ रहे लड़के ने कुछ ही दिन पहले अपने समलैंगिक होने का खुलासा किया था। 21 साल के सुख (परिवर्तित नाम, क्योंकि पहचान खुलने पर उसे परेशानियों का डर है) ब्रिटिश कोलंबिया राज्य के वैंकूवर स्थित एक कम्युनिटी कॉलेज से कम्प्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रहा है। जब तब वह स्टूडेंट वीजा पर कनाडा में है, वित्तीय तौर पर पंजाब में रहने वाले माता-पिता पर निर्भर है, क्योंकि वह अपने रिश्तेदारों के साथ रहता है। हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, जब सिख युवक ने गे होने की बात जाहिर की थी तो उसके माता-पिता ने उसे बेदखल कर दिया और रिश्तेदारों ने भी घर से निकाल दिया। उस घर में उसके कजन ने उसके साथ मारपीट भी की। युवक ने एक समर्थन समूह, शेर वैंकूवर की शरण ली, फिलहाल वह उन्हीं के एक वालंटियर के साथ रह रहा है। शेर वैंकूवर के संस्थापक एलेक्स संघा ने कहा, ”उसने हमसे 10 दिन पहले संपर्क किया। उसने हमारी वेबसाइट से हमें ईमेल किया और कहा कि वह आत्महत्या करने जा रहा है।” संघा ने इसके बाद छात्र से मुलाकात की। उन्होंने बताया, ”वह खा नहीं रहा था, न ही सो रहा था। वह कांप रहा था और जब भी मैंने परिवार का जिक्र किया तो वह रोने लगा।” चूंकि अभी छात्र की दो सेमेस्टर की पढ़ाई बाकी है, इसलिए शेर वैंकूवर ने उसकी पढ़ाई और प्रवास की कागजी कार्रवाई के खर्च के लिए GoFundMe अभियान चलाकर पैसा इकट्ठा करना शुरू किया है।
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इस अभियान के पेज पर लिखा गया है, ”उसके परिवार को पता चला कि वह गे है तो उन्होंने उसे बेदखल कर दिया और वित्तीय मदद बंद कर दी। सुख के पास अब कोई घर नहीं है और खुद को जिंदा रखने के लिए कोई आय या धन नहीं है।” संघा ने कहा कि शेर वैंकूवर की स्थापना क्षेत्र में दक्षिण एशियाई गे समुदाय का साथ देने के लिए की गई।
हालांकि संघा ने यह बात साफ की कि समुदाय में समलैंगिकों को लेकर सहिष्णुता बढ़ी है। उन्होंने कहा, ”अभी भी कुछ लोग गे लोगों के खिलाफ हैं, लेकिन पिछले दस साल में, काफी सुधार हुआ है। अब कई सारे लोग इसे मंजूर कर रहे हैं।
