कनाडा और भारत के रिश्ते खारब दौर से गुजर रहे हैं। इस दौरान ब्रैम्पटन में रविवार को एक हिन्दू मंदिर में हुए हमले से चिंता और ज़्यादा बढ़ गई है। हिंसक झड़पों और तनाव के माहौल के बाद बाद तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है और एक पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। अधिकारी के निलंबन का कारण उसके खालिस्तान के समर्थकों के साथ विरोध प्रदर्शन में शामिल होने को बताया जा रहा है। इस बीच ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन पूजा स्थलों के बाहर विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रस्ताव पेश करने की बात भी कही है।
कौन है निलंबित पुलिस अधिकारी?
खालिस्तान समर्थकों के विरोध प्रदर्शन से जुड़ा एक वीडियो काफी वायरल हुआ, जिसमें पील पुलिस का एक अधिकारी शामिल था। पुलिस ने इस बात को स्वीकार किया है। पील पुलिस के मीडिया रिलेशन ऑफिसर रिचर्ड चिन ने कहा कि हमें सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो के बारे में पता चला है जिसमें एक गैर-ड्यूटी पील पुलिस अधिकारी को प्रदर्शन में शामिल दिखाया गया है। इस अधिकारी निलंबित कर दिया गया है।
घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए संदिग्धों में 42 साल दिलप्रीत सिंह बौंस शामिल हैं, जिनपर हिंसा करने और पुलिस पर हमला करने का आरोप है। इसके अलावा ब्रैम्पटन के रहने वाले 23 साल के विकास और अमृतपाल सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है।
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जिस पुलिस अधिकारी को निलंबित किया गया है, उसका नाम हरिंदर सोही है। वह पंजाबी मूल का है। वीडियो में देखा गया कि सोही ने हाथ में खालिस्तान का झंडा लिया हुआ है। जब वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस से इस मामले की शिकायत की गई। पुलिस की ओर से बयान में कहा गया है कि फिलहाल पुलिस अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है और आगे की जांच की जा रही है। यह भी जांच की जाएगी कि अधिकारी जिस वक़्त प्रदर्शन में था, उस वक़्त ड्यूटी पर तैनात था या नहीं।