अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने से व्यवसायी और अर्थशास्त्री परेशान हैं। वे ट्रंप को राजकाज के मामले में एक नौसिखिया के तौर पर देखते हैं। उन्हें लगता है कि ट्रंप की बिना सोची-समझी चालों से अंतरराष्ट्रीय व्यापार में व्यवधान खड़े हो सकते हैं और इससे मुश्किलों में पड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था का जोखिम बढ़ेगा। ट्रंप ने बुधवार को जब अपनी जीत का दावा किया तो विश्व के बाजार लुढ़क गए। उन्होंने अपने प्रचार के दौरान विदेशियों के खिलाफ बड़ी
कड़ी-कड़ी बातें कही थीं और व्यापार समझौतों को खत्म करने तक की बात की थी। ट्रंप ने अमेरिका में आव्रजन नियमों का सख्त बनाने और राजनीतिक विरोधियों को हवालात में डालने की बात भी कही थी।
अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति चुने गए डोनाल्ड ट्रंप; डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को हराया
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चीन और दूसरे व्यापारिक भागीदारों को लेकर ट्रंप का सीधा हमला करना, कई महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर बिल्कुल तीखी सोच और भविष्य को लेकर विस्तृत योजना सामने नहीं आने से से कइयों का यह मानना है कि ट्रंप क्या करेंगे, यह समझना मुश्किल है। कैपिटल इकोनॉमिक्स के मुख्य अर्थशास्त्री पॉल एशवर्थ ने एक रिपोर्ट में कहा है, हमें नहीं मालूम कि ट्रंप किस तरह के राष्ट्रपति होंगे। ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान जिस तरह की बातें कहीं हैं वह अमेरिकी अर्थशास्त्रियों की परेशानी का सबब बन रही है।