रूसी प्रेसिडेंट ब्लादिमीर पुतिन ने ही ‘संभवत:’ रशियन खुफिया एजेंसी केजीबी के पूर्व एजेंट एलेक्जेंडर लिटवीनेंको की हत्या की मंजूरी दी। एक ब्रिटिश जांच में इस बात का दावा किया गया है। बता दें कि एलेक्जेंडर की नवंबर 2006 में रेडियोएक्टिव जहर की वजह से लंदन के अस्पताल में मौत हो गई थी। माना जाता है कि उनकी चाय में रेडियोएक्टिव तत्व पोलोनियम 210 मिला दिया गया, जिसकी वजह से कुछ दिन बाद उनकी मौत हो गई।
क्या है रिपोर्ट में
ब्रिटिश जांच की अगुआई हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज रॉबर्ट ओवन ने की है। उनके 328 पेज की रिपोर्ट में एलेक्जेंडर और रूसी शासन के आलाकमान के बीच संबंध होने की बात कही गई है। अलेक्जेंडर की हत्या का आरोप एंड्रे लुगोवोई और दमित्री कोवटन पर लगा है। दोनों ने ही इन आरोपों को खारिज किया है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, इस बात की ‘मजबूत संभावना’ है कि ये दोनों रूसी सीक्रेट सर्विस के इशारे पर काम कर रहे थे। ओवन के मुताबिक, कोर्ट के सामने पेश सबूतों से इस बात के परिस्थितिजन्य सबूत मिलते हैं कि रूस ही इस हत्या के पीछे था। खुफिया सूत्रों से मिले सबूतों के आधार पर ओवन ने बताया कि 2006 में इस हत्या के लिए तत्कालीन रूसी सिक्युरिटी सर्विस के प्रमुख और खुद प्रेसिडेंट पुतिन ने मंजूरी दी।
दबाव में होगी ब्रिटिश सरकार
एलेक्जेंडर की विधवा ने इस रिपोर्ट का स्वागत करते हुए मांग की है कि ब्रिटिश सरकार रूस पर आर्थिक पाबंदियां लगाए। साथ ही सभी रूसी जासूसों को देश से बाहर निकाला जाए। हालांकि, यह रिपोर्ट ब्रिटिश सरकार के लिए राजनयिक सिरदर्द साबित हो सकता है। सरकार को इस रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देनी होगी। द गार्जियन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पीएम डेविड कैमरन पर लंदन की सड़कों पर एक ब्रिटिश नागरिक की हत्या में रूस की भूमिका पर मजबूती से जवाब देने का दबाव होगा। बता दें कि मौत से कुछ दिन पहले एलेक्जेंडर ने ब्रिटिश नागरिकता ले ली थी।
