शोरगुल के बीच ब्राजील के सांसदों ने राष्ट्रपति डिल्मा रोसेफ के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई शुरू किए जाने को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही लातिन अमेरिका का यह सबसे बड़ा देश एक गहरे राजनीतिक संकट में फंस गया है। कांग्रेस के निचले सदन में विपक्ष के सदस्यों को रोसेफ को सीनेट के समक्ष भेजने के लिए 513 मतों में से 342 मत या दो तिहाई बहुमत चाहिए था। महाभियोग की कार्रवाई शुरू करने का फैसला अब सीनेट करेगी। रोसेफ को सीनेट के समक्ष भेजने का फैसला पांच घंटे तक चले मतदान के बाद हो पाया है। मतदान में 342वां मत मिलने पर विपक्ष ने जोर से चिल्लाते हुए खुशी का इजहार किया, जवाब में रोसेफ के सहयोगियों ने गुस्से में ताने मारे।

ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में ओलंपिक के आयोजन से महज चार माह पहले यहां का माहौल कटुता से भर गया है। कांग्रेस के बाहर हजारों लोग बड़ी-बड़ी टीवी स्क्रीनों पर इस प्रक्रिया को देख रहे थे। विपक्षी समर्थक जहां जश्न के मूड में थे, वहीं रोसेफ के समर्थकों में निराशा छाई हुई थी। मेरिस्टेला डी मेलो (63) नामक महिला ने कहा, ‘मैं बेहद खुश हूं। मैंने इस उम्मीद में पूरा साल विरोध प्रदर्शन किया कि डिल्मा को हटाया जाएगा।’

इस मौके पर हजारों पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे और प्रतिद्वंद्वी शिविरों को धातु से बनी एक बड़ी दीवार के जरिए अलग-अलग रखा गया था। यदि अधिकतर लोगों की उम्मीद के मुताबिक सीनेट इस वामपंथी राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाती है तो उपराष्ट्रपति माइकल टेमर सत्ता संभालेंगे। उन्होंने एक प्रमुख विपक्षी बनने के लिए रोसेफ का साथ छोड़ दिया था, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि विपक्षियों के जश्न की अवधि कम हो सकती है।

टेमर एक ऐसे देश की कमान संभालेंगे जो कई दशकों की अब तक की सबसे भीषण मंदी से जूझ रहा है और जहां का राजनीतिक परिदृश्य बेहद निष्क्रिय सा है। यहां एक ऐसा माहौल है, जिसमें रोसेफ की वर्कर्स पार्टी बदला लेने का संकल्प ले रही है। रोसेफ (68) पर आरोप है कि उन्होंने 2014 के पुन: चुनाव के दौरान सरकार की विफलताओं को छिपाने के लिए खातों में हेराफेरी की। कई ब्राजील निवासी उन्हें देश के आर्थिक संकट और सरकारी तेल कंपनी पेट्रोब्रास से जुड़े भ्रष्टाचार घोटाले के लिए भी दोषी ठहराते हैं। इस खराब रिकार्ड के चलते उनकी सरकार की स्वीकार्यता महज 10 फीसद रह गई है।