अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने चीन को उसके आक्रामक रवैये के लिए धमकी देते हुए कहा कि उसे अंजाम भुगतने होंगे। ओबामा ने दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर कहा कि वह अपने पड़ोसियों को परेशान करना बंद करे। ओबामा ने चीन में जी20 समिट के बाद न्यूज चैनल सीएनएन से कहा, ”चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मैंने कहा कि अमेरिका आज जो ताकत बना है, वह खुद पर काबू पाकर हासिल की गई है। आप जानते हैं जब हम खुद को कुछ अंतरराष्ट्रीय नियमों और कानूनों से बांध लेते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि हम मजबूर हैं। यह ऐसा है क्योंकि हम उन्हें मानते हैं। लंबे समय में मजबूत अंतरराष्ट्रीय नियम बनाने में हमारी रूचि है। मुझे लगता है कि आने वाले समय में चीन का भी यही हित होगा।”
उन्होंने कहा, ”इसलिए जहां कहीं भी हमने उन्हें अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करते देखा तो हमें कड़ा रूख अपनाना होगा। जैसे कि दक्षिण चीन सागर या फिर आर्थिक नीति में उनका व्यवहार। हमने उन्हें बता दिया है कि इसके परिणाम भुगतने होंगे। ऐसा कोई कारण नहीं है कि चीन और अमेरिका दोस्ताना प्रतिस्पर्धी ना बन सके। हमने 20 साल में ऐसा भी समय देखा है जब चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी पश्चिमी देशों की ज्यादा विरोधी थी।” ओबामा का बयान ऐसे समय में आया है जब जी20 समिट में चीन का व्यवहार ओबामा के प्रति नाराजगी भरा रहा।
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अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा जब चीन पहुंचे तो हांगझोउ एयरपोर्ट पर मीडियाकर्मियों की एंट्री को लेकर अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुसेन राइस की चीनी अधिकारियों से तीखी बहस हो गई। व्हाइट हाउस के अफसर ओबामा की एंटी से पहले सभी पत्रकारों को एक लाइन में खड़ा होने के लिए कह रहे थे, कि एक चीनी अधिकारी ने चिल्लाकर कहा, ”यह हमारा देश है। यह हमारा एयरपोर्ट है।” ओबामा ने इस पर बाद में कहा, ”चीन के लिए यह घटना पहली नहीं है। इससे पता चलता है कि अमेरिका और चीन के मूल्यों के बीच कितना बड़ा अंतर है।”
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कई मीडिया रिपोर्ट्स पर में चीन पर अमेरिकी राष्ट्रपति के अपमान का आरोप लगाया गया है। इन रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओबामा जब हांगझोउ एयरपोर्ट पहुंचे तो उन्हें विमान से उतरने के लिए रेड कारपेट वाली स्टेयरकेस (सीढ़ी) नहीं लगाई गई। जबकि बाकी देशों के नेताओं के स्वागत में लाल कालीन बिछाई गई थी। ओबामा को विमान की पतली स्टेयरकेस से ही उतरना पड़ा।
