व्हाइट हाउस ने पहले से खनन को रोकने एवं डोनाल्ड ट्रंप के हाथ बांधने की कोशिश के तहत आर्कटिक एवं अटलांटिक के भागों में तेल एवं गैस खनन के नए पट्टों को बाधित कर दिया है। निवर्तमान प्रशासन ने ऐसे समय में यह कदम उठाया है जब आगामी ट्रंप प्रशासन व्हाइट हाउस में तेल खनन समर्थक कड़े रुख अपना रहा है। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने घोषणा की कि उन्होंने आर्कटिक एवं अटलांटिक में भविष्य में तेल एवं गैस खनन के पट्टों पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगाई है। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि इस कदम के पीछे ‘मजबूत कानूनी आधार’ है। ट्रंप कांग्रेस के कानून के बिना इस फैसले को रद्द नहीं कर सकते। ओबामा ने एक बयान में कहा कि इन कदमों से ‘एक संवेदनशील एवं अनूठे पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा’ होगी। एक उद्योग लॉबी समूह ‘द अमेरिकन पेट्रोलियम इंस्टीट्यूट’ ने चेताया कि ओबामा का ‘अपतटीय खनन को बाधित करने का निर्णय हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करेगा, अच्छी कमाई वाली नौकरियां नष्ट करेगा और इससे उपभोक्ताओं के लिए ऊर्जा महंगी हो सकती है।’ ओबामा के पर्यावरण संरक्षण के इस कदम को ट्रंप प्रशासन से लगातार हमला झेलना पड़ सकता है। ट्रंप ने एक्सॉन के मालिक रेक्स टिलरसन को विदेश मंत्री और जलवायु परिवर्तन से इनकार करने वाले स्कॉट प्रूइट को पर्यावरण संरक्षण एजेंसी का प्रमुख नामित किया गया है।
आर्कटिक-अटलांटिक में तेल खनन पर ट्रंप नहीं डाल पाएंगे हाथ, बराक ओबामा ने उठाया कदम
राष्ट्रपति बराक ओबामा ने घोषणा की कि उन्होंने आर्कटिक एवं अटलांटिक में भविष्य में तेल एवं गैस खनन के पट्टों पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगाई है।
Written by एएफपी
वॉशिंगटन

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First published on: 21-12-2016 at 13:33 IST