बांग्लादेश में तीन दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलनों में 51 लोगों की मौत हो गई और 11 अन्य घायल हो गए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, बांग्लादेश आपदा प्रबंधन विभाग (डीएमडी) के महानिदेशक रियाज अहमद ने कहा रंगमति जिले से 29, चटगांव से 16 और बंदरबाड से छह लोगों की मौत की सूचना मिली है।
इससे पहले रंगमति के अतिरिक्त पुलिस प्रमुख मोहम्मद शाहीदुल्ला ने कहा कि भारी बारिश के कारण बचाव कायरें में बाधा पहुंच रही है।
उन्होंने कहा, “यहां मौसम बेहद खराब है और यह पहाड़ी इलाका है, इसलिए बचाव अभियान में काफी मुश्किलें आ रही हैं।मौसम विभाग के चटगांव कार्यालय के प्रवक्ता दिजेन रॉय ने कहा कि उन्होंने पिछले 24 घंटों में 131 मिलीमीटर बारिश दर्ज की है। उन्होंने साथ ही कहा कि बंगाल की खाड़ी में लगातार कम दबाव बने रहने के कारण बारिश जारी रहने की संभावना है। ढाका में बाढ़ का अनुमान करने वाले केंद्र ने कहा कि सभी प्रमुख नदियों में जल स्तर बढ़ गया है, जबकि कुछ नदियां पहले से ही खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
वहीं हाल ही हमारे देश के असम हिस्से के लोग भी इस समस्या से झूझ रहे हैं। बता दें कि बीते सप्ताह असम में लगातार बारिश के बाद आई बाढ़ से लगभग 13,000 लोग प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा बाढ़ बाद के भूस्खलन से रेल कनेक्टिविटी में बाधा पहुंची है। असम आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में लखीमपुर, जोरहाट और बिश्वनाथ जिले के 28 गांवों में बाढ़ से लगभग 13,000 लोग प्रभावित हुए हैं।
डीमा हसाओ जिले के पहाड़ी क्षेत्र में आए भूस्खलन से बराक घाटी का रेल संपर्क टूट गया है। नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे (एनएफआर) को भूस्खलन की वजह से शनिवार को लुमडिंग से सिल्चर तक यात्री ट्रेन सेवा रद्द करनी पड़ी। ब्रह्मपुत्र नदी में पानी का स्तर बढ़ा है और यह निमातिघाट में खतरे के स्तर से ऊपर बह रहा है, जिससे अधिकारियों ने जोरहाट से मजुली तक की नौका सेवाओं पर रोक लगा दी है।
ब्रह्मपुत्र नदी में जल स्तर बढ़ने के कारण कुछ अन्य हिस्सों में भी नौका सेवाओं को रद्द कर दिया है। असम सरकार ने बाढ़ की आशंका वाले जिलों के अधिकारियों को आपातकाल स्थिति में राहत और बचाव सामग्री की व्यवस्था करने के पहले ही निर्देश दिए हैं।
