नियंत्रण रेखा के पास स्थित आतंकवादी ठिकानों पर भारतीय सेना द्वारा किए गए लक्षित हमलों के बाद बांग्लादेश ने गुरुवार (29 सितंबर) को कहा कि भारत को अपनी सम्प्रभुता और सीमा पर हुए किसी भी हमले का जवाब देने का ‘कानूनी और वैश्विक रूप से स्वीकार्य अधिकार’ है। हालांकि बांग्लादेश ने सभी पक्षों से ‘धैर्य’ रखने की अपील की। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के सलाहकार इकबाल चौधरी ने कहा, ‘भारत को अपनी सम्प्रभुता और अपनी धरती पर हुए किसी भी हमले का जवाब देने का पूरा कानूनी और वैश्विक रूप से स्वीकार्य अधिकार है।’
कश्मीर मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि यह ‘द्विपक्षीय विवाद’ है और ‘दूसरे पक्ष से भी उल्लंघन’ हुए हैं। चौधरी ने कहा, ‘यह (कश्मीर) लंबा और लगातार चलने वाला विवाद है और दूसरे पक्ष की ओर से भी उल्लंघन हुए हैं। बांग्लादेश का हमेशा से मानना रहा है कि स्वतंत्रता की सम्प्रभुता और देश के कानूनी अधिकारों के खिलाफ आक्रमकता या हमला स्वीकार्य नहीं है। बांग्लादेश हमेशा मानता है कि किसी भी देश को तीसरे राष्ट्र की सम्प्रभुता का सम्मान करना चाहिए।’
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के सलाहकार इकबाल चौधरी ने कहा कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सत्ता में आने के बाद जोर देकर कहा था कि किसी भी आतंकवादी समूह को पनाह लेने, योजना बनाने, या भारतीय सीमा में हमले या आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बांग्लादेश की धरती का प्रयोग नहीं करने दिया जाएगा। ‘इसे लेकर हम इतने प्रतिबद्ध हैं कि ऐसी किसी भी गतिविधि को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा रहा है।’
चौधरी ने फोन पर एक भारतीय टीवी चैनल से कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत सरकार और वहां के लोगों को अपने पड़ोसी देश द्वारा किसी भी कोने में ,किसी भी रूप में दिखाई गई आक्रामकता का जवाब देने का पूरा अधिकार है।’ हालांकि, उन्होंने शांतिपूर्ण पड़ोस के लिए सभी पक्षों से ‘धैर्य’ रखने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश को हमेशा लगता है कि इस तरह के मामलों में, सभी पक्षों की ओर से धैर्य रखा जाना चाहिए क्योंकि हम मानते हैं कि दक्षेस देशों में हमें सभी सदस्य देशों के सम्प्रभु अधिकारों का सम्मान करते हुए शांतिपूर्ण वातावरण में रहना चाहिए।’