भारत के असम में शीघ्र ही भारत-बांग्लादेश सीमा को पूरी तरह सील करने की तैयारी के बीच एक शीर्ष बांग्लादेशी सुरक्षा कमांडर ने कहा है कि उनके देश ने भारत और म्यामांर से लगती सीमा पर कंटीले तार लगाने का फैसला किया। बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के महानिदेशक मेजर जनरल अजीज अहमद ने यहां यात्रा पर आए भारतीय पत्रकारों के एक दल से कहा कि उनकी सरकार भारत और म्यामांर से लगती सीमा के साथ 282 किलोमीटर लंबी एक सड़क परियोजना पहले ही मंजूर कर चुकी है। भारत के तीन तरफ से बांग्लादेश की सीमा (4,096 किलोमीटर) उससे मिलती है जबकि म्यामांर के साथ बांग्लादेश की सीमा पूर्वी ओर से महज 271 किलोमीटर है।
ढाका के पीलखाना में अपने कार्यालय से बीजीबी प्रमुख ने बल के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र मुख्यालय में वीडियो लिंक के माध्यम से कहा, ‘हमारी सरकार भारत और म्यामांर से लगती सीमा पर कंटीले तार लगाने पर सैद्धांतिक रूप से फैसला ले चुकी है। सिद्धांतत: सीमा के साथ लिंक रोड का भी फैसला किया गया है जैसा कि भारत में है जिससे बीएसएफ को अपनी गतिविधियों में मदद मिलती हैं और म्यामांर सीमा प्रहरी बल के पास भी ऐसा ही है।’ उन्होंने कहा कि यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि कंटीले तार और सड़कों की ये दो मूलभूत जरूरतें अबतक बांग्लादेश की तरफ विकसित नहीं की गयी हैं। इन परियोजनाओं पर उनकी सरकार सक्रियता से विचार कर रही है।
अहमद ने यह टिप्पणी तब की जब उनसे पूछा गया कि भारत के हाल के इस बयान पर बांग्लादेश की क्या प्रतिक्रिया है कि असम में भारत-बांग्लादेश सीमा जून, 2017 तक पूरी तरह सील कर दी जाएगी और बाद में पूरी सीमा। उन्होंने कहा, ‘आप समझते ही हैं कि इन सारी चीजों के लिए बहुत धनराशि चाहिए, लेकिन सरकार 281 किलोमीटर के लिए परियोजना पहले ही मंजूर कर चुकी है जहां कंटीले तार और सड़कें बनायी जाएगी और संभवत: यह म्यामांर वाली तरफ से शुरू होगा।’ उन्होंने कहा कि भारत पहले ही भारत-बांग्लादेश सीमा पर 79 फीसदी क्षेत्र में बाड़ लगा चुका है, ऐसे में वह सीमापार अपराध रोकने में परोक्ष रूप से उनके देश की मदद करता है।
महानिदेशक ने कहा कि बहुत सारे मामलों में, जहां बीएसएफ सीमा पर बाड़ लगाने के लिए उससे संपर्क करता है, बीजीबी त्वरित सहमति देता है, खाली वे कुछ अपवाद हैं जहां निर्माण कार्य शून्य रेखा के बेहद करीब है और कुछ मुद्दे उलझे हैं। उन्होंने दोहराया, ‘आखिरकार, भारतीय बाड़बंदी हमारी भी तो मदद करती हैं।’ शीर्ष कमांडर ने कहा कि दोनों ही सीमा प्रहारी बल भारत बांग्ला सीमा क्षेत्र में सक्रिय अपराधियों का डाटाबेस तैयार करने के लिए काम कर रहे हैं और उन्होंने यह माना कि यह प्रभावी सीमा सुरक्षा सुनिश्चित करने में कमजोर बिंदु है तथा आतंकवादियों एवं अपराधियों का सीमापार आना जाना उनके लिए गंभीर चिंता का विषय है।