ऑस्‍ट्रेलिया के मेलबर्न और दक्षिण कोरिया के बुसान शहर में रविवार को कई बलूच कार्यकर्ताओं ने पाकिस्‍तान के अत्‍याचार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्‍यवाद भी जताया गया। पीएम मोदी के 15 अगस्‍त को भाषण में बलूचिस्‍तान के जिक्र के बाद से दुनियाभर में बलूच कार्यकर्ता पाकिस्‍तान के अत्‍याचारों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। पिछले सप्‍ताह जर्मनी में कई निर्वासित बलूच नेताओं ने पाक के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इस दौरान उन्‍होंने पाक विरोधी नारे भी लगाए।

बलूच राजनीतिक संगठन से जुड़े एक कार्यकर्ता ने शनिवार को बताया कि बलूचिस्‍तान में पाक पुलिस ने नए सिरे से ऑपरेशन चलाया है। इसमें आम लोगों पर हमला किया जा रहा है और उन्‍हें अगवा किया जा रहा है। उन्‍होंने मानवाधिकार उल्‍लंघन को लेकर वैश्विक समुदाय से मदद भी मांगी थी। कश्‍मीर के मुद्दे को अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर उठाने के बाद से पाकिस्‍तान बलूचिस्‍तान के मुद्दे पर घिर गया है। यूनाइटेड नेशंस मानवाधिकार काउंसिल में बलूच रिपब्लिकन पार्टी के प्रतिनिधि अब्‍दुल नवाज बुगती ने कहा, ”नसीराबाद जिले के कई हिस्‍सों में पाकिस्‍तानी सुरक्षाबलों ने हमला किया है। बलूच नागरिकों को प्रताडि़त किया गया। कई लोगों को अगवा भी किया गया है। वहां लंबे समय से पाकिस्‍तान अत्‍याचार कर रहा है। अच्‍छी बात यह है कि पूरी दुनिया अब इस बारे में जानती हैं।”

पीएम मोदी ने पिछले महीने पाकिस्‍तान को बलूचिस्‍तान के मुद्दे पर घेरा था। उन्‍होंने 15 अगस्‍त को दिए भाषण में गिलगित बाल्‍टीस्‍तान, पीओके और बलूचिस्‍तान का जिक्र किया था। इसके बाद से बलूच लोग पीएम मोदी के बयान का समर्थन कर रहे हैं।