ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मेल्कम टर्नबुल ने रविवार (10 जुलाई) को अपने कंजर्वेटिव गठबंधन की जीत की घोषणा की। विपक्षी लेबर पार्टी के नेता बिल शॉर्टन ने पहले ही हार मान ली थी। यहां की मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक मतगणना जारी होने के बीच ही शॉर्टन ने टर्नबुल को बधाई दी और चुनाव में अपनी हार स्वीकार कर ली। इससे देश में हफ्तेभर से चल रहा राजनीतिक शून्य खत्म हो गया।
बिल शॉर्टन के हार स्वीकार करने और टर्नबुल को जीत की बधाई देने के कई घंटों बाद टर्नबुल ने अपना विजय भाषण दिया। उन्होंने कहा कि देश के हित के लिए यह जरूरी है कि राजनीति के सभी पक्ष मिलकर काम करें और संसद को काम करने दें। 61 वर्षीय टर्नबुल ने कहा, ‘हम चुनाव जीत गए। इस चुनाव में हमें जीत दिलाने और शांतिपूर्वक चुनाव सम्पन्न कराने के लिए ऑस्ट्रेलियायी जनता का धन्यवाद। यह जरूरी है कि संसद काम करे। यह जरूरी है कि हम साथ काम करें और यह सुनिश्चित कर सकें कि हम सब अपनी उन नीतियों को लेकर एकमत हों जिन्हें लेकर हमने चुनाव लड़ा था।’
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक टर्नबुल कम से कम एक हफ्ते तक आधिकारिक रूप से शपथ नहीं लेंगे क्योंकि गर्वनर जनरल विदेश में हैं। टर्नबुल की कैबिनेट के कुछ सदस्य चुनाव हार गए हैं। उन्होंने संकेत दिए हैं कि अब उनकी कैबिनेट की टीम में कुछ बदलाव हो सकते हैं। टर्नबुल ने एक पत्रकार वार्ता में कहा, ‘हमारी कुछ साथी सदस्य जीत नहीं सके लेकिन मैं उनकी सेवाओं के लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं जानता हूं कि वे मुश्किल समय से गुजर रहे हैं।’
मतगणना अभी जारी है और लिबरल-नेशनल गठबंधन ने 150 सदस्यों वाली प्रतिनिधिसभा में 74 सीटें जीत ली हैं जबकि लेबर को 66 सीटें मिली हैं। पांच सीटों पर अब भी कांटे की टक्कर है। प्रतिनिधिसभा में बहुमत के लिए गठबंधन को 76 सीटों की जरूरत है। टर्नबुल ने कहा, ‘हमें इसकी खुशी मनानी चाहिए लेकिन इस बात को हल्के में नहीं लेना चाहिए कि यहां ऑस्ट्रेलिया में हम इतने बड़े राजनीतिक मुद्दों को तय कर लेते हैं, हम ही तय करते हैं कि हमारी संसद में कौन बैठेगा, हम तय करते हैं कि हमारे देश का संचालन कौन करेगा। और यह सब हम लोकतांत्रिक प्रक्रिया के जरिए शांतिपूर्वक करते हैं।’ चुनाव ‘मुश्किल था’ यह स्वीकार करते हुए टर्नबुल ने शॉर्टन के संसद में ‘साझे हितों’ के लिए काम करने के आग्रह का स्वागत किया।