ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैलकम टर्नबुल ने खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के खिलाफ गुरुवार (1 सितंबर) को कड़े कदमों की रूपरेखा तैयार की, लेकिन साथ ही आगाह किया कि मुसलमानों को लेकर अविश्वास नहीं भड़काया जाना चाहिए। टर्नबुल ने कहा कि इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट के ठिकानों पर हवाई हमलों के लिए ऑस्ट्रेलियाई एफ- ए-18 हॉर्नेट लड़ाकू विमानों के पायलटों को गठबंधन सहयोगियों जैसी ही कानूनी मान्यता प्रदान करने के लिए जल्द ही देश के कानूनों में संशोधन किया जाएगा ।
मुस्लिम आव्रजकों के प्रवेश पर रोक लगाने और घृणा भाषण निषेध में ढील देने की मांग कर रहे सांसदों के दबाव का सामना कर रहे टर्नबुल ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के सामने इस्लामिक स्टेट सबसे बड़ा राष्ट्रीय खतरा है। लेकिन उन्होंने आगाह किया कि मुसलमानों को लेकर अविश्वास की भावना नहीं भड़काई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में मुसलमानों के खिलाफ चरमपंथ में वृद्धि हुई है। हाल में मेलबर्न में पुलिस द्वारा विफल की गई कथित आतंकी साजिश में आव्रजन विरोधी एक कार्यकर्ता की गिरफ्तारी हुई।
टर्नबुल ने कहा, ‘यदि हम विभाजन करेंगे तो हम प्रभावी नहीं हो सकते, चाहे वह मुस्लिम समुदाय के भीतर अविश्वास भड़काने का मामला हो या व्यापक समाज में मुसलमानों का भय भड़काने का मामला हो।’ सरकार इस महीने संसद में कानून रखेगी जो अदालतों को यह फैसला लेने में सक्षम बनाएगा कि आतंकी मामलों के दोषी लगातार खतरा बने रहते हैं तो उन्हें सजा पूरी करने के बाद भी अनिश्चितकाल तक सलाखों के पीछे रखा जा सकता है।