ऑस्ट्रेलिया के गिरजाघरों में बाल यौन शोषण संबंधी एक जांच के जो आकंड़े सामने आए हैं वह चौंकाने वाले हैं और उनका बचाव नहीं किया जा सकता। इनसे पता चलता है कि वर्ष 1950 से 2010 के बीच सात फीसदी कैथोलिक पादरियों पर बाल शोषण के आरोप लगे थे लेकिन इनकी कभी जांच नहीं की गई। ‘द रॉयल कमीशन इंटू इंस्टिट्यूशनल रेस्पोन्सेस टू चाइल्ड सेक्सुअल अब्यूज’ को पता चला कि गिरजाघर प्राधिकारियों के पास बाल यौन शोषण के कथित 4,444 मामलों की शिकायत की गई जिनमें से 15 फीसदी से अधिक मामलों में आरोप पादरियों पर लगे।

ऑस्ट्रेलिया ने देशभर में बाल यौन शोषण मामलों की जांच के लिए बढ़ते दबाव के मद्देजनर करीब एक दशक बाद वर्ष 2012 में ‘द रॉयल कमीशन’ को जांच के आदेश दिए। चार साल की सुनवाई के बाद जांच अब अपने अंतिम चरण में है। सिडनी में चल रही जांच में पूछताछ की अगुवाई कर रही वकील गेल फर्नेस ने कहा, ‘वर्ष 1950 से 2010 के बीच के मामलों में कुल सात फीसदी पादरी कथित आरोपी थे।’ उन्होंने कहा, ‘आंकड़े निराशाजनक हैं। बच्चों को नजरअंदाज किया गया और उससे भी बुरा यह की उन्हें दंडित भी किया गया। आरोपों की जांच नहीं की गई।’