तुर्की में सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर किए गए श्रृंखलाबद्ध बम विस्फाटों में कम से कम 11 व्यक्तियों की मौत हो गई और 226 अन्य घायल हो गए। बम विस्फोटों के लिए कुर्द विद्रोहियों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। अधिकारियों ने आज बताया कि हमलों में दो कार बम विस्फोट शामिल थे जिससे पूर्वी तुर्की में पुलिस थानों को निशाना बनाया गया जबकि तीसरा विस्फोट देश के दक्षिणपूर्व हिस्से में सड़क किनारे हुआ जिससे एक सैन्य वाहन को निशाना बनाया गया। अधिकारियों ने कहा कि हमले कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी या पीकेके की ओर से किये गए जिसने कार बम विस्फोट से पुलिस थानों को निशाना बनाने या सड़क किनारे रखे बम से पुलिस वाहनों पर हमला करने का अभियान शुरू किया है। गत सप्ताह पीकेके कमांडर जमील बायिक ने तुर्की के शहरों में पुलिस के खिलाफ ऐसे हमले तेज करने की धमकी दी थी।
श्रृंखलाबद्ध हमले ऐसे समय में हुए हैं जब तुर्की ने अमेरिका आधारित मुस्लिम मौलवी फतुल्लाह गुलेन के नेतृत्व वाले आंदोलन के संदिग्ध समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। गुलेन पर सरकार गत महीने एक असफल सैन्य तख्तापलट का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाती है जिसमें कम से कम 270 व्यक्ति मारे गए थे। अधिकारियों ने बताया कि पहला बम विस्फोट गत बुधवार को पूर्वी प्रांत वान लेत में एक पुलिस थाने को निशाना बनाकर किया गया। इसमें एक पुलिस अधिकारी और दो नागरिक मारे गये। कम से कम 73 अन्य व्यक्ति घायल हो गए जिसमें 53 नागरिक और 20 पुलिस अधिकारी शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि घटना के कुछ घंटे बाद पूर्वी तुर्की के एलाजिग शहर में आज सुबह पुलिस मुख्यालय पर एक अन्य कार बम धमाका हुआ, जिसमें पुलिस कार्यालय के कम से कम तीन अधिकारी मारे गए और तकरीबन 146 लोग घायल हो गए। घायलों में से कम से कम 14 की स्थिति गंभीर है। वीडियो फुटेज में इलाके से धुंए का गुब्बार उठता दिखाई दिया। कारें पलटी हुई थीं और धमाके में चार मंजिली इमारत की खिड़कियां और अन्य हिस्से उड़ गए थे। अधिकारियों ने बताया कि दक्षिणपूर्वी बितलिस प्रांत में विद्रोहियों ने सड़क किनारे तब एक आईईडी विस्फोट किया जब एक सैन्य बख्तरबंद वाहन गुजर रहा था। इस विस्फोट में चार सैनिक मारे गए।
सरकारी अनादोलू एजेंसी ने बताया कि इस हमले में सात अन्य सैनिक घायल हो गए। प्रांत में पीकेके के साथ संघर्ष मेंं सरकारी सुरक्षा बलों की मदद करने वाले एक गांव के चौकीदार की विद्रोहियों के साथ संघर्ष में मौत हो गई। प्रधानमंत्री बिनाली इल्दिरिम ने एलाजिग में हमला स्थल का दौरा किया और हमले में घायलों से भी मिले।