अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की रवानगी के बाद तालिबान ने जश्न मनाया। तालिबानियों ने अफगानिस्तान में ‘पूरी स्वतंत्रता’ का ऐलान कर दिया। ऐसे में वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आए और चॉपर में एक शख्स को लटकाकर काबुल शहर में घुमाया गया। तालिबानी लड़ाकों ने काबुल एयरपोर्ट पर मार्च किया। अब तालिबान अपनी छवि बदलने के बेकरार है। ऐसे में उसने अपने लड़ाकों का हुलिया भी बदलने में कसर नहीं छोड़ी है।
पहले जहां तालिबानी सिर पर पगड़ी बांधे, पैरों में चप्पल या चमड़े के जूते पहने नज़र आते थे वहीं अब लोगों का भरोसा जीतने के लिए उसने आधुनिक कमांडो यूनिट तैयार कर ली है। तालिबान के ये लड़ाके अब अमेरिकी फौजियों की तरह दिखने लगे हैं। इस यूनिट का नाम दिया गया है ‘बद्री 313’
क्यों दिया गया यह नाम?
तालिबानी लड़ाकों की इस यूनिट को बद्री 313 नाम इसलिए दिया गया क्योंकि कहा जाता है कि मोहम्मद पैगंबर साहब ने 624 ईसवी में अरब के बद्र इलाके में केवल 313 सैनिकों के साथ अपने से कई गुना बड़ी सेना पर जीत हासिल की थी। इसी बात के चलते तालिबान ने अपनी यूनिट का नाम बद्री 313 रख दिया है।

घातक हथियारों, जैकेट, और उपकरणों से लैस तालिबानी
अमेरिकी सैनिकों के जाने के बाद काबुल एयरपोर्ट पर तालिबान के बद्री 313 यूनिट के लड़ाकों की तैनाती हो गई है। इन तालिबानी लड़ाकों के पास एम-14 असॉल्ट राइफल हैं। हेलमेट पर नाइट विजन डिवाइस लगी हुई है। अमेरिकी सैनिकों की तरह बॉडी आर्मर है और उन्होंने कॉम्बैट शूज पहन रखे हैं। कई ऐसी तस्वीरें भी सामने आईं कि तालिबानी अमेरिका की बख्तरबंद गाड़ियों में गश्त कर रहे हैं।
वहीं तालिबान अब यह दिखाने की कोशिश में लगा है कि उसके हाथों में देश और उसके नागरिक सुरक्षित हैं। उसने अपने लड़ाकों से यह भी कहा है कि किसी के साथ गलत व्यवहार न किया जाए।
भारत के राजदूत से तालिबान की बातचीत
विदेश मंत्रालय के मुताबिक कतर में भारत के राजदूत से तालिबान के प्रतिनिधि ने दोहा में मुलाकात की। तालिबान की तरफ से रिक्वेस्ट के बाद यह मीटिंग हुई। मंत्रालय के मुताबिक भारत ने तालिबानी प्रतिनिधि से अफगानिस्तान से भारतीयों की निकासी पर बात की। इसके अलावा भारत ने कहा कि अफगान ज़मीन का इस्तेमाल आतंक के लिए नहीं होना चाहिए।