सेना ने कहा है कि उसने सीरिया के तबाह हुए दूसरे शहर अलेप्पो को पूरी तरह फिर से नियंत्रण में ले लिया है जो वर्ष 2011 में शुरू हुए गृह युद्ध के बाद से विपक्षी बलों के खिलाफ उसकी सबसे बड़ी जीत है। यह घोषणा ऐतिहासिक निकासी समझौते के बाद गुरुवार (22 दिसंबर) को की गई और इसके साथ ही सरकारी बलों एवं सहयोगी मिलिशिया द्वारा पूर्वी अलेप्पो में छेड़ा गया महीने भर चला भीषण आक्रमण समाप्त हो गया। सेना ने एक बयान में कहा कि जनरल कमांड ‘अलेप्पो के आतंकवाद एवं आतंकवादियों से आजाद होने एवं वहां रहने वालों की रवानगी के बाद उस पर सुरक्षा बलों के फिर से कब्जे की घोषणा करते हैं।’

विद्रोही बलों के एक अधिकारी ने इसे सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ विद्रोह के लिए ‘बड़ा नुकसान’ बताया। नूरेद्दीन अल जिंकी विद्रोही समूह के यासिर अल यूसुफ ने एएफपी से कहा, ‘राजनीतिक स्तर पर यह एक बड़ा नुकसान है।’ उन्होंने कहा, ‘क्रांति के लिए यह पीछे हटने का समय है और एक मुश्किल मोड़ है।’ अहरार अल शाम विद्रोही समूह के अहमद कोर्रा अली ने असद के निकटतम सहयोगियों का जिक्र करते हुए कहा, ‘अलेप्पो अब रूस एवं ईरान के कब्जे में है।’ सेना की इस घोषणा से पहले सरकारी टेलीविजन ने खबर दी कि विद्रोहियों एवं नागरिकों को ला रही चार बसों का काफिला पूर्वी अलेप्पो से चल चुका और वह शहर के दक्षिण में सरकार के कब्जे वाले रामुस्सा इलाके में पहुंच चुकी है।

इससे पहले, रेड क्रॉस ने बताया कि निकासी के अंतिम चरणों में 4000 से अधिक लड़ाके विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों से रवाना हुए। पूर्वी अलेप्पो गंवाना करीब छह साल चले संघर्ष में सीरिया में विद्रोहियों के लिए सबसे बड़ा झटका है। इस संघर्ष में 3,10,000 से अधिक लोग मारे गए हैं। इसके साथ ही देश के पांच अहम शहरों अलेप्पो, होम्स, हमा, दमिश्क एवं लताकिया पर सरकार ने कब्जा कर लिया है। अलेप्पो पर कब्जा रूस और ईरान के लिए भी बड़ी जीत है और तुर्की, सऊदी अरब, कतर एवं कुछ पश्चिमी देशों समेत विरोधियों के समर्थकों की हार है।

वैश्विक प्रतिद्वंद्वता, विशेषकर रूस एवं अमेरिका के बीच प्रतिद्वंद्वता के कारण अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने सीरिया में होने वाले रक्तपात पर प्रतिक्रिया देने के लिए वर्षों तक संघर्ष किया। सरकारी संवाद समिति सना ने गुरुवार (22 दिसंबर) को सेना की घोषणा से पहले असद के हवाले से कहा, ‘अलेप्पो की आजादी न सिर्फ सीरिया के लिए जीत है बल्कि यह उनके लिए भी एक जीत है जिन्होंने आतंकवाद के खिलाफ योगदान दिया है, खासकर रूस और ईरान ने।’ भारी बर्फबारी एवं जमाने वाले तापमान ने निकासी को बाधित कर दिया था। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि उसने सोमवार को अपनाए गए सुरक्षा परिषद के एक प्रस्ताव के तहत अंतिम निकासी की निगरानी के लिए पर्यवेक्षक तैनात किए हैं।