सोमालिया के इस्लामी संगठन अल शहाब ने गुरुवार को एक विश्वविद्यालय पर हमला करके कम से कम 150 केन्याई छात्रों की हत्या कर दी। देश के गृह मंत्री ने यह जानकारी दी। वर्ष 1998 में अमेरिकी दूतावास पर हुई बमबारी के बाद यह देश का सबसे ज्यादा घातक हमला है।
गृह मंत्री जोसेफ नकाइसेरी ने संवाददाताओं से कहा कि हम क्षेत्र से (आतंकवादियों का) सफाया कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केन्याई सैनिकों ने आतंकवादियों पर हमला करके चार बंदूकधारियों को मार गिराया। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से, हम कई जिंदगियां हार गए, अभी पूरी तरह पुष्टि नहीं हो पाई है लेकिन मरने वालों में 150 छात्र शामिल हैं और 79 घायल हुए हैं। इनमें नौ गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
नकाबपोश आतंकवादियों ने गुरुवार तड़के उत्तरपूर्व में सोमालिया की सीमा पर स्थित शहर गैरिसा में ग्रेनेड से हमला कर विश्वविद्यालय के गेट तोड़ दिए। इसके बाद बंदूकधारियों ने सो रहे छात्रों को निशाना बनाया। अल कायदा से जुड़े संगठन अल शहाब ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
इस बीच, राष्ट्रपति ने कहा कि अब यह बंधक प्रकरण जैसी स्थिति है। जिंदा बचे लोगों ने कहा कि सुरक्षा बलों ने बंदूकधारियों को गैरिसा विश्वविद्यालय के छात्रावास में घेर रखा है जहां आशंका है कि उन्होंने कुछ लोगों को बंधक बना रखा हो। सूत्रों ने बताया कि कालेज परिसर में लोगों की निर्दयता से गोली मारकर हत्या कर दी गई। छात्र संघ के उपाध्यक्ष कोलिंस वेटांगुला ने कहा कि वह नहाने जाने वाले थे, तभी उन्होंने गोलियों की आवाज सुनी। इस परिसर में छह छात्रावास हैं और इनमें कम से कम 887 छात्र रहते हैं।
अल शहाब के एक प्रवक्ता ने कहा कि उसका संगठन इस हमले की जिम्मेदारी लेता है। संगठन के प्रवक्ता अली मोहम्मद रेज ने एक रेडियो प्रसारण में कहा कि उसके संगठन के लड़ाके परिसर के अंदर ‘भारी’ अभियान चला रहे हैं।
केन्या के राष्ट्रपति उहुरू केन्याता ने कहा कि केन्या के सुरक्षा बल बंदूकधारियों को कम से कम एक छात्रावास में सीमित करने का प्रयास कर रहे हैं। राष्ट्र के नाम संदेश में उन्होंने हमले पर दुख जताया।