खराब मौसम के कारण तलाशी कार्य बाधित होने के बाद खोजकर्ता पूरी क्षमता के साथ इंडोनेशिया के जावा समुद्र में एयर एशिया विमान हादसे में मारे गए लोगों के शवों की तलाश में जुट चुके हैं। वहीं, हादसे के कारणों पर अभी भी रहस्य बना हुआ है।

इंडोनेशिया के फर्स्ट मार्शल अगुस डी पुत्रांतो ने बताया, ‘‘आज सुबह दृश्यता अच्छी है। हम पूरी क्षमता के साथ शवों और मलबे की तलाश में जुटे हैं, जिससे पता चल सके कि इस हादसे में क्या कुछ गलत हुआ था।’’

खबरों में बताया गया है कि खोज अभियान के तहत सूर्योदय के ठीक बाद वहां के लिए चार विमानों को रवाना किया गया। इंडोनेशिया के सुरबाया से रविवार को उड़ान भरने के बाद सिंगापुर जा रहा एयर एशिया का विमान क्यू जी 8501 लापता हो गया था। इस पर 162 लोग सवार थे। भारी बारिश, तेज हवाओं और हल्की धुंध की वजह से कल तलाशी का सीमित काम ही हो पाया था।

पांगकलां बुन तट से करीब 70 किलोमीटर दूर समुद्र से आज सुबह एक और शव बरामद किया गया। अब तक कुल आठ शवों को निकाला जा चुका है। मौसम ठीक होने के बाद पांगकलां बुन के इस्कंदर हवाईअड्डे से खोज दल पांचवे दिन बरामदगी अभियान पर रवाना हुआ।

अब तक बरामद आठ शवों में से दो को सुरबाया भेज दिया गया है, तीन अभी भी जहाज पर है और दो का सुल्तान इमानुद्दीन अस्पताल में पोस्टमार्टम किया जा रहा है। आज निकाले गए एक शव को सुपर पूमा हेलिकॉप्टर से हवाईअड्डा भेजा गया है।

पांगकलां बुन में खोज और बचाव संयोजक सुनारबोवो सांदी ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि गोताखोर मलबा स्थल को खोज निकालेंगे। सांदी ने कहा, ‘‘मुमकिन है कि शव विमान के मलबे में हों। लिहाजा, अब चुनौती मौसम से मुकाबले की है।’’

बहरहाल, सुरबाया में एयरबस ए320-200 हादसे के शिकार लोगों के लिए प्रार्थना का आयोजन हुआ। सैकड़ों लोगों ने मोमबत्ती जलायी और एक मिनट का मौन रखा। सुरबाया के मेयर त्री रिसमहारिनी ने कहा, ‘‘हम शोक संतप्त परिवारों के लिए प्रार्थना करते हैं। हम दुआ करते हैं कि सुरबाया के लिए यह अंतिम त्रासदी हो।’’

पूर्वी जावा प्रांत में नव वर्ष के सभी जश्नों को रद्द कर दिया गया। राजधानी जकार्ता में पीड़ितों के लिए प्रार्थना के साथ लोगों ने नववर्ष का स्वागत किया।

रविवार को इंडोनेशिया से सिंगापुर के लिए रवाना हुए इस विमान के रडार से ओझल होने के तीन दिन बाद मंगलवार को इसका मलबा मध्य कलिमंतन के पांगकलां बुन के निकट करिमाता जलडमरू (करिमाता स्ट्रेट) में मिला।

विमान में 155 यात्री थे, जिसमें ब्रिटेन, मलेशिया और सिंगापुर का एक-एक, दक्षिण कोरिया के तीन और इंडोनेशिया के 149 नागरिक थे। चालक दल के सात सदस्यों में छह इंडोनेशिया के और सह पायलट फ्रांस का नागरिक था। यात्रियों में 17 बच्चे थे। विमान पर कोई भी भारतीय सवार नहीं था। यह रहस्य अभी भी बना हुआ है कि विमान का हवाई यातायात संपर्क क्यों टूट गया और इसके बाद क्या हुआ।