एअर एशिया के लापता विमान की तीन दिन तक चली गहन खोज के बाद आखिरकार इसका मलबा और तीन शव इंडोनेशिया के जावा तट के समुद्री इलाके में मिले हैं। यह विमान रविवार सुबह लापता हो गया था। हादसे का कारण अब भी रहस्य का विषय बना हुआ है। विमान में कुल 162 लोग सवार थे।
इंडोनेशियाई नौसेना ने जानकारी दी है कि एक युद्धपोत ने तीन शव बरामद किए हैं। बचावकर्मियों फिलहाल बहुत व्यस्त हैं। ब्रोनियो के इंडोनिशयाई हिस्से के जावा तट के निकट समुद्री इलाके में शव मलबे के साथ बहते हुए देखे गए हैं। विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के साथ ही सुराभाया में यात्रियों के रिश्तेदारें की आंखें छलक आईं। और वे एक दूसरे को गले लगाकर सांत्वना देते देखे गए। विमान ने सुराभाया से ही सिंगापुर के लिए उड़ान भरी थी।
इंडोनेशिया के परिवहन मंत्रालय के हवाई परिवहन के कार्यवाहक महानिदेशक जोको मुर्जातमोदो ने पुष्टि की है कि मध्य कलिमंतन के पंगकलां बन में जो मलबा मिला है, वह एअर एशिया के विमान क्यूजेड 8501 का है। जोको ने कहा,‘पुष्टि की जाती है कि यह मलबा लाल और सफेद रंग के विमान का है।’ उन्होंने बताया कि मंत्रालय की बचाव टीम को यह मलबा मिला। उन्होंने कहा,‘अब बसरनास (राष्ट्रीय खोज और बचाव एजंसी) के साथ तालमेल से मलबा मिलने वाली जगह पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।’ इंडोनेशिया की ‘नेशनल सर्च एंड रेस्क्यू एजंसी’ के प्रमुख बामबांग सोयलिस्तयो ने बताया कि वायु सेना के एक विमान ने समुद्र में एक जगह ‘छाया’ जैसा कुछ देखा। इसके बारे में माना जा रहा है कि यह विमान का मलबा है।
इंडोनेशियाई अधिकारियों ने बताया कि लापता विमान को अंतिम बार जिस क्षेत्र में देखा गया था ठीक उसी के नीचे जल क्षेत्र में उन्होंने बहते हुए कई शव बरामद किए। राष्ट्रीय खोज और बचाव निदेशक एसबी सुप्रियादी ने पंगकलां बन में संवाददाताओं को बताया कि शव समुद्र में बह रहे थे और उसे इंडोनेशिया की नौसेना के जहाज पर लाया गया। नौसेना प्रवक्ता मानाहन सिमोरंगकिर ने एक टीवी चैनल से मलबा और शव मिलने के बारे में पुष्टि की।
राष्ट्रीय खोज और बचाव एजंसी के प्रवक्ता एम यूसुफ लतीफ ने बताया कि तलाश के दौरान इंडोनेशिया वायु सेना के गश्ती विमान को सबसे पहले मलबा दिखा। मध्य कलिमंतन के पंगकलां बन के दक्षिण पश्चिम में एअर एशिया विमान का मलबा नजर आया था। यूसुफ ने संवाददाताओं से कहा,‘अनुमान के मुताबिक मलबा 10 बजकर 15 मिनट (स्थानीय समयानुसार) पर मिला।’ मलबा मिलने के स्थान के बारे में पंगकलां बन में दो मछुआरों की ओर से दी गई सूचना ठीक पाई गई। उन्होंने कहा था कि रविवार की सुबह उन्होंने धमाके की आवाज सुनी थी। पता चलने के बाद इंडोनेशियाई एजंसी ने तुरंत ही उस स्थान के लिए एक हेलिकॉप्टर रवाना किया। यूसुफ ने कहा,‘हमने बसरनास टीम के दो सदस्यों को मलबा निकालने का आदेश दिया है।’
विमान पर कोई भी भारतीय नागरिक सवार नहीं था। बचाव और खोज अभियान के प्रमुख ने इंडोनेशियाई टीवी पर लाइव दिखाए जा रहे एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान बहते हुए एक शव के साथ मलबे की तस्वीर दिखाई। तस्वीर देख रहे विमान पर सवार यात्रियों के रिश्तेदार गमगीन थे।
एअर एशिया के सीईओ टोनी फर्नांडीज ने शोकसंतप्त परिजनों को ट्वीट किया,‘क्यूजेड में सवार यात्रियों के सभी परिवारों के लिए मेरा दिल बहुत दुखी है। एअर एशिया की ओर से मैं शोक प्रकट करता हूं।’ मध्य कलिमंतन प्रांत में निकटवर्ती शहर का जिक्र करते हुए सोयलिस्तयो ने कहा कि सभी संसाधन अब वहां भेजे जा रहे हैं, जहां पर मलबा मिला। शवों तथा अन्य चीजों को पांगकलां बन लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि तलाशी में आधुनिक तकनीक से लैस ऐसे जहाजों को लगाया गया है, जिससे पता चल सके कि विमान का बड़ा हिस्सा कहां पर डूबा है।
रविवार को लापता हुए विमान के खोज अभियान में करीब 30 पोत और 15 विमान और सात हेलिकॉप्टर लगे हुए हैं। इंडोनेशिया के नेतृत्व में बहुराष्ट्रीय अभियान में मलेशिया, सिंगापुर और आस्ट्रेलिया शामिल है। भारत, दक्षिण कोरिया, चीन और फ्रांस ने मदद की पेशकश की थी। अमेरिका ने तलाश के लिए अपना एक पोत यूएसएस सैंपसन रवाना किया था। खोज का इलाका मूल रूप से सात क्षेत्रों में बांटा गया और इसे विस्तारित कर 13 कर दिया गया। इसके दायरे में समुद्र, भूमि और हवाई क्षेत्र हैं।