घायलों की चीख-पुकार, क्षत-विक्षत शव और दीवारों पर खून की छींटे। रविवार को श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में सेंट सेबेस्टियन चर्च समेत तमाम प्रभावित जगहों का मंजर दिल दहलाने वाला था। ईस्टर के मौके पर काफी संख्या में लोग गिरजाघरों में प्रार्थना के लिए पहुंचे हुए थे। लेकिन, तभी आत्मघाती बम धमाके ने वहां की तस्वीर ही बदलकर रख दी। एक सीनियर पुलिस अधिकारी के मुताबिक दीवारों पर खून के निशान और शवों के टुकड़े फैले हुए थे। आसपास का भी मंजर बेहद खौफनाक था, क्योंकि गिरजाघर से लगती सड़क पर भी ऐसा ही मातम पसरा हुआ था। लोग अपनों की तलाश में बदहवास रोते-बिलखते घूम रहे थे।
सुबह ही 6 सीरियल बम धमाकों की पीड़ा को अभी श्रीलंका झेल ही रहा था कि दोपहर बाद दो अन्य धमाके हुए। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन धमाकों में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 35 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। कोलंबो के आर्चडायोसिस के सोशल कम्युनिकेशन निदेशक फादर एडमंड तिलकरत्ने ने बताया कि यह विस्फोट ईस्टर प्रार्थना सभा के बाद हुई। विस्फोट के बाद चर्च में 30 शव क्षत-विक्षत हालत में पड़े दिखाई दिए। फादर एडमंड तिलकरत्ने ने सीएनएन को बताया कि ईस्टर के मौके पर करीब एक हजार लोग चर्च पहुंचे थे। काफी संख्या में लोग गांवों से भी आए हुए थे। सेबेस्टियन चर्च यहां काफी पुराना है। इसका निर्माण 1946 में किया गया था। चर्च के अलावा श्रीलंका के पांच सितारा होटल्स में भी धमाके हुए और यहां भी काफी संख्या में लोग मारे गए।
‘डेली न्यूज’ के मुताबिक 500 से अधिक घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से काफी लोग ऐसे हैं जिनका हालत बेहद खराब है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक सीरियाल ब्लास्ट रविवार को सुबह 8.45 के लगभग हुए। इनमें से दो चर्चों में धमाके आत्मघाती हमलावरों ने किया। सीएनएन न्यूज़ ने टॉप खुफिया सूत्रों के हवाले से एक आत्मघाती हमलावर की पहचान कर ली है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक वह 4 अप्रैल को कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग पर हमला करने वाला था।

श्रीलंका में फिलहाल कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। यह कर्फ्यू आगामी आदेश तक अनिश्चित काल के लिए लागू किया गया है। सारे स्कूल और कॉलेजों को बंद करने के आदेश दे दिए गए हैं। श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने सेना के उच्च अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक बुलाई है।