अफगानिस्‍तान ने भारत के साथ अफगान व्‍यापारियों के कारोबार के लिए वाघा बॉर्डर के रास्‍ते को न खोलने पर मध्य एशिया को जाने वाले ट्रांजिट रूट को बंद करने की धमकी दी है। द एक्‍सप्रेेस ट्रिब्‍यून की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति अशरफ गनी ने ब्रिटेन के विशेष दूत ओवेन जेनकिंस से मुलाकात के दौरान कहा, ”यदि पाकिस्‍तान ने अफगान व्‍यापारियों को उनके सामान के आयात और निर्यात के लिए वाघा बोर्डर का इस्‍तेमाल नहीं करने दिया तो अफ‍गानिस्‍तान भी पाकिस्‍तान को अफगान ट्रांजिट रूट का उपयोग नहीं करने देगा।” अफगान ट्रांजिट रूट के जरिए पाकिस्‍तान मध्‍य एशिया और अन्‍य देशों से कारोबार करता है। गनी ने आगे कहा कि अफगानिस्‍तान अब पहले की तरह जमीन से घिरा हुआ देश नहीं है। इसके पास आयात और निर्यात के लिए कई रास्‍ते हैं।

अफगानिस्‍तान और पाकिस्‍तान के बीच कई मुद्दों पर तनातनी है। पाकिस्‍तान ने हाल ही में तूरखाम बॉर्डर पर प्रत्‍येक अफगानी व्‍यक्ति से पासपोर्ट और वीजा लाने को अनिवार्य कर दिया है। गनी ने कहा कि पाकिस्‍तान हमेशा अफगानिस्‍तान के ताजे फलों को भेजे जाने के रास्‍तों को बंद कर देता है। इससे व्‍यापारियों को करोड़ों रुपयों को नुकसान होता है। अफगानिस्‍ता चाहता है कि क्षेत्र में आर्थिक सहयोग बढ़े और इसके लिए सभी तकनीकी समस्‍याओं को दूर किया जाए। अफगानिस्‍तान के अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्‍तान के रास्‍ते वाघा बॉर्डर पर स्थित भारतीय शहर अटारी से व्‍यापार की खातिर काबुल लंबे वक्‍त से पाकिस्‍तान से मांग करता रहा है। पाकिस्‍तान इससे इनकार करता रहा है। अफगानिस्‍तान आतंकवाद के मुद्दे पर भी पाकिस्‍तान को घेरता रहा है। उसका कहना है कि पाक ने कई आतंकियों को शरण दे रखी है।